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अरुणाचल प्रदेश: 'भूत बंगले' की डर से सीएम हाउस बना गेस्ट हाउस

राज्य सरकार के कई अफसरों का मानना यहां किसी शैतानी रूह या भूत का वास है

Updated On: Apr 12, 2017 07:18 PM IST

FP Staff

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अरुणाचल प्रदेश: 'भूत बंगले' की डर से सीएम हाउस बना गेस्ट हाउस

अरुणाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री का बंगला 'भूत बंगला' होने के डर की वजह से अब गेस्ट हाउस में तब्दील कर दिया गया है.

सीएम हाउस को गेस्ट हाउस में तब्दील करने की वजह इसका पुराना होना या छोटा होना नहीं है. राज्य सरकार के कई अफसरों का मानना यहां किसी शैतानी रूह या भूत का वास है.

यह सुनने में आपको बहुत अजीब भले ही लगे पर यह सच्चाई है कि पिछले सप्ताह कई धर्मों के पुजारियों को सीएम हाउस के शुद्दिकरण के लिए बुलाया गया था.

बंगले में है वास्तुदोष?

यह आलिशान सीएम हाउस 60 करोड़ की लागत से 2009 में दिवंगत सीएम दोरजी खांडू के कार्यकाल में बनकर तैयार हुआ था. यह भवन अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर की एक ऊंची पहाड़ी पर बनाया गया है.

2009 के बाद 7 अलग-अलग मुख्यमंत्री इस निवास में रह चुके हैं. इनमें से कार्यकाल के दौरान ही दोरजी खांडू और जारबोम गैमलीन की मौत भी हो चुकी है. खांडू की मौत हेलिकॉप्टर दुर्घटना में हुई थी और गैमलीन की मौत लंबी बीमारी की वजह से हुई.

इसके बाद कांग्रेस के नबाम तुकी को विधानसभा चुनावों में भारी जीत मिली. अफसरों के मुताबिक तुकी ने इस भवन को लेकर कई वास्तु विशेषज्ञों से संपर्क किया था. उन्होंने यह लगता था कि इस बंगले में वास्तु दोष है.

हालांकि जब तक वास्तु के अनुसार इसमें बदलाव होता तब तक तुकी को हटाकर कलिखो पुल सीएम बन गए.

तुकी इसके बाद सुप्रीम कोर्ट गए और सुप्रीम कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया.

पूर्व सीएम कलिखो पुल ने इसी बंगले में की थी आत्महत्या

वह पंखा जिससे फांसी लगाकर पूर्व मुख्यमंत्री कलिखो पुल ने की थी आत्महत्या (तस्वीर: न्यूज़ 18)

वह पंखा जिससे फांसी लगाकर पूर्व मुख्यमंत्री कलिखो पुल ने की थी आत्महत्या (तस्वीर: न्यूज़ 18)

इसके बाद स्थितियां तब और जटिल हो गईं जब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पुल ने सीएम हाउस में फंखे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.

इस घटना के दो महीने बाद बंगले के एक स्टाफ का शव ठीक बगल के कमरे में पंखे से लटका हुआ पाया गया.

सुप्रीम के फैसले के बाद फिर से मुख्यमंत्री बनने वाले तुकी इस बंगले में शिफ्ट नहीं हुए. इसके बाद अफसरों ने शुद्धिकरण करके इसे गेस्टहाउस में बदलने का फैसला लिया.

इस गेस्टहाउस के हरेक कमरे को कई पुजारियों और पादरियों द्वारा शुद्ध करने के बाद खोल दिया गया है.

इस शुद्धिकरण की प्रक्रिया में शामिल नबाम रेबिया ने कहा, ‘मुझे किसी भी तरह के अंधविश्वास में भरोसा नहीं है. मैं हमेशा इस तरह के अंधविश्वासों को अपने व्यक्तिगत जीवन में भी हतोत्साहित करता हूं.’

साभार: न्यूज़18 

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