live
S M L

किसानों का मार्च: ....क्योंकि उन्हें मंदिर नहीं, कर्ज माफी चाहिए

रामलीला मैदान में टोपी पहने और झंडा लहराते किसान किसी लाल समुद्र की तरह नजर आ रहे थे, वहां'अयोध्या नहीं, कर्जा माफी चाहिए' की गूंज थी

Updated On: Nov 30, 2018 08:55 AM IST

FP Staff

0
किसानों का मार्च: ....क्योंकि उन्हें मंदिर नहीं, कर्ज माफी चाहिए

किसान जिनपर परिवार की बड़ी जिम्मेदारी है, जिनके घर में जवान बेटियां हैं, उन्हें कर्ज के बोझ से दबकर मौत को गले लगाना बेहतर लगता है. कृषि संकट से जिनका परिवार बिखर गया, व्यापारीकरण के कारण जिनकी जमीन और वस्त्र तक छीन लिए गए, ऐसे किसानों की मांग है कि उन्हें राम मंदिर नहीं, कर्जमाफी दी जाए. किसानों को कर्ज मुक्त करने और फसल की लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य देने की मांग को लेकर शुक्रवार को किसान संसद तक मार्च करेंगे. इसके लिए वह दिल्ली स्थित रामलीला मैदान में जुटने लगे हैं.

विरोध मार्च के लिए किसान निजामुद्दीन, सब्जी मंडी रेलवे स्टेशन, आनंद विहार टर्मिनल और बिजवासन से आ रहे हैं. स्वराज भारत के अध्यक्ष योगेंद्र यादव 'चलो दिल्ली' बिजवासन टू रामलीला मैदान रैली का नेतृत्व कर रहे हैं. वहीं हरियाणा, राजस्थान और उड़ीसा के किसान भी रैली से जुड़ गए हैं, जबकि महाराष्ट्र और बेंगलुरु से भी किसान आ रहे हैं. मेधा पाटकर और दिग्गज पत्रकार पी. साईनाथ सहित सामाजिक कार्यकर्ताओं ने रैली को समर्थन दिया है और कहा कि देश में किसानों की हालत इस हद तक बदतर हो चुकी है, जैसी कि पहले कभी नहीं थी.

ये भी पढ़ें: किसान आंदोलन LIVE : आज रामलीला मैदान से संसद तक मार्च निकालेंगे हजारों किसान

वहीं दिल्ली यूनिवर्सिटी समेत कई संस्थानों की छात्राएं भी इस आंदोलन को समर्थन दे रही हैं. अखिल भारतीय किसान संघ और अन्य कई संगठन भी शुक्रवार को रामलीला मैदान से संसद तक स्ट्रीट मार्च करेंगे. स्वाभिमानी शेतकारी संगठन के नेता और सांसद राजू शेट्टी ने 2017 में लोकसभा में दो निजी सदस्य विधेयक पेश किए थे ताकि स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के आधार पर कृषि उत्पादों के लिए उचित दाम की गारंटी और किसानों का कर्ज माफ हो सके.

किसानों ने फिर दिल्ली में क्यों लगाया है जमावड़ा?

अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (एआईकेएससीसी) के बैनर तले वे 'बीजेपी सरकार की किसान विरोधी नीतियों' के खिलाफ रामलीला मैदान से संसद मार्ग तक मार्च निकालेंगे और गिरफ्तारी देंगे. 200 से अधिक कृषि संगठनों का प्रतिनिधित्व करने वाले एआईकेएससीसी ने मांग की है कि बिलों पर चर्चा की जाए और इसे संसद में पारित किया जाए. संगठन ने यह भी कहा कि 21 राजनीतिक संगठनों ने उन्हें अपना समर्थन दिया है और वह विरोध मार्च में हिस्सा भी ले सकते हैं.

AIKSCC  protest rally

नयनतारा सहगल, के सच्चिदानंदन, गणेश देव्य और दामोदर मौज समेत कई प्रमुख लेखकों, बुद्धिजीवियों और कलाकारों ने किसानों के साथ एकजुटता व्यक्त की है.

मलयालम-अंग्रेजी कवि और आलोचक सच्चिदानंद ने कहा, 'मैं किसानों की सभी मांगों के साथ हूं. भारतीय देश को खिलाने वाले किसानों की प्रति एहसान फरामोश रहे हैं. यह ऐसे ही नहीं चल सकता. किसानों की दुर्दशा देश की स्थिति को परिभाषित करती है और राज्य को उनकी समस्या हल करने के लिए हर संभव कदम उठाने की जरूरत है. संसद के एक विशेष सत्र द्वारा उनकी समस्याओं को संबोधित करके ठोस समाधान निकाले जाने चाहिए.'

समूह 'आर्टिस्ट्स फॉर फार्मर' बैनर के तहत एकसाथ आया था और दिल्ली में चार दिशाओं से प्रवेश करने वाले किसानों के साथ शामिल हो गया. वे रात दिल्ली में ही बिताएंगे.

ये भी पढ़ें: किसानों का मार्च (पार्ट-1): जितना गहरा है कृषि संकट, उतनी ही हल्की है इससे निपटने की समझ

नेशनल साउथ इंडियन रिवर इंटरलिंकिंग एग्रीकल्चर एसोसिएशन के नेता पी अय्यान्नु ने दावा किया कि समूह के करीब 1200 सदस्य गुरुवार सुबह, आत्महत्या करने वाले अपने दो साथियों की खोपड़ी लेकर दिल्ली पहुंचे.

 'अयोध्या नहीं, कर्जा माफी चाहिए' का नारा

तमिलनाडु के इस समूह के सदस्यों ने धमकी दी है कि अगर उन्हें शुक्रवार को संसद में जाने की इजाजत नहीं दी गई तो वे नग्न मार्च करेंगे. पिछले साल, समूह ने खेतों में नुकसान की वजह से आत्महत्या करने वाले आठ किसानों की खोपड़ियों के साथ विरोध प्रदर्शन किया था. एआईकेएससीसी ने दावा किया कि दो दिवसीय रैली दिल्ली में किसानों की सबसे बड़ी सभा होगी.

रामलीला मैदान में टोपी पहने और झंडा लहराते किसान किसी लाल समुद्र की तरह नजर आ रहे थे. इनमें से कई किसान ऐसे थे जो करीब 36 घंटे का सफर करने के बाद यहां पहुंचे थे. रामलीला मैदान 'अयोध्या नहीं, कर्जा माफी चाहिए' के नारों से गूंज रहा था.

ये भी पढ़ें: 2019 लोकसभा चुनाव: किसान बनाम मंदिर, कौन सा मुद्दा रहेगा हावी

पुलिस ने बताया कि शुक्रवार को जब किसान रामलीला मैदान से संसद के लिए मार्च करेंगे तो उसने सुरक्षा की व्यापक व्यवस्था की है. किसानों के मार्च के दौरान सड़कों के दोनों तरफ रस्सी होगी और दूसरी तरफ पुलिस तैनात होगी ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि यातायात प्रभावित न हो. वहीं ट्विटर पर आम जनता से किसानों के मार्च में शामिल होने की अपील की जा रही है.

गाजियाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) उपेंद्र अग्रवाल ने कहा, 'सीमावर्ती इलाकों में सेना तैनात की गई है और दिल्ली में किसी भी ट्रैक्टर ट्रॉली के प्रवेश की अनुमति नहीं है.'

(न्यूज18 हिंदी के लिए रौनक कुमार गुंजन की रिपोर्ट)

0

अन्य बड़ी खबरें

वीडियो
KUMBH: IT's MORE THAN A MELA

क्रिकेट स्कोर्स और भी

Firstpost Hindi