आम चुनाव से पहले फेसबुक ने देश में फर्जी खबरों पर लगाम लगाने की मुहिम के तहत पांच नए साझेदार बनाए हैं. जो कि फेक न्यूज पर रोक लगाने के लिए फेसबुक का साथ देंगे. इसमें इंडिया टुडे ग्रुप, फैक्टली और फैक्ट क्रीसेंडो समेत पांच नए भागीदार हैं. इससे पहले फेसबुक बूम और न्यूज एजेंसी एएफपी के साथ भी करार कर चुकी है.
कंपनी ने जारी बयान में कहा है कि ये भागीदारियां थर्ड पार्टी फैक्ट चेक प्रोग्राम के तहत की गई हैं. थर्ड पार्टी के ये संगठन फेसबुक पर पोस्ट, फोटो या वीडियो के माध्यम से परोसे जा रहे गलत और भ्रामक कंटेंट की समीक्षा करेंगे. फेसबुक ने कहा, ‘आज (सोमवार) से इंडिया टुडे ग्रुप, विश्वास डॉट न्यूज, फैक्टली, न्यूज मोबाइल और फैक्ट क्रीसेंडो तथ्यों की परख के लिए फेसबुक के न्यूज स्टोरीज की समीक्षा करेंगे उनके सही होने की रेटिंग देंगे.’
फेक न्यूज फैलाने वालों को नहीं मिलेंगे विज्ञापन
फेसबुक का कहना है कि यह समीक्षा अंग्रेजी, हिंदी, बंगाली, तेलुगु, मलयालम और मराठी भाषा के कंटेंट के लिए की जाएगी. फेसबुक ने कहा कि तथ्यों की परख करने वाले ये संगठन जब किसी स्टोरी को फर्जी बता देंगे तब उस स्टोरी का न्यूज फीड में सर्कुलेशन खुद ही कम हो जाएगा.
सोशल मीडिया वेबसाइट का कहना है कि बार-बार फेक न्यूज देने वाले फेसबुक पेज और डोमेन को विज्ञापन पाने और पैसे कमाने की श्रेणी से भी निकाल दिया जाएगा. फेसबुक ने कहा कि इस तरीके से उसे फेक न्यूज का न्यूज फीड में सर्कुलेशन 80 प्रतिशत तक कम करने में सफलता मिली है.
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