3 हजार करोड़ के फर्जी लोन केस मामले में बैंक ऑफ महाराष्ट्र के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर रवींद्र पी मराठे को गिरफ्तार कर लिया गया है. यह गिरफ्तारी आर्थिक अपराध शाखा (EOW)द्वारा की गई है. EOW ने बैंक के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर राजेंद्र गुप्ता, अहमदाबाद से जोनल मैनेजर नित्यानंद देशपांडे और पूर्व सीएमडी सुशील मुहनोत को जयपुर से गिरफ्तार किया है.
83 साल पुराने बैंक ऑफ महाराष्ट्र का हेडक्वार्टर पुणे में है और यह देश के प्रमुख सार्वजनिक बैंकों में से एक है. पुलिस ने बताया कि इस मामले में डीएस कुलकर्णी ग्रुप के सीए सुनील घटपांडे और वीपी इंजीनियरिंग राजीव न्यूआस्कर को भी गिरफ्तार किया गया है.
मराठे को अपने पद और शक्ति का दुरुपयोग करके कंपनियों को भारी मात्रा में लोन देने की वजह से गिरफ्तार किया गया है. जांचकर्ताओं के मुताबिक बैंक द्वारा डीएसके ग्रुप को बेईमानी और फ्रॉड के उद्देश्य से भारी मात्रा में लोन दिया गया और बाद में चुरा लिया गया.
गिरफ्तार किए गए सभी आरोपियों पर भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा, आपराधिक साजिश और विश्वासघात करने की धाराएं लगाई गई हैं. बता दें कि पुणे में मेगा ग्रुप के मालिक डीएस कुलकर्णी और उनकी पत्नी हेमंती को फरवरी में 4 हजार इनवेस्टर्स के साथ 1150 करोड़ की धोखाधड़ी करने और बैंक लोन का 2900 करोड़ रुपए डायवर्ट करने की वजह से गिरफ्तार किया गया था. जिसके बाद महाराष्ट्र सरकार ने पिछले महीने डीएस ग्रुप की 120 प्रॉपर्टी, 275 बैंक अकाउंट और 4 दर्जन वाहनों को अटैच करने का आदेश दिया था.
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