केन्द्र सरकार ने शहरी क्षेत्रों में प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत सब्सिडी के दायरे वाले सस्ते आवास के लिए निर्मित क्षेत्र (कार्पेट एरिया) में बढ़ोत्तरी करने का फैसला किया है. आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने क्रेडिट लिंक सब्सिडी योजना (सीएलएसएस) के दायरे में मध्यम आय वर्ग की पहली श्रेणी एमआईजी 1 के घरों का कार्पेट एरिया बढ़ाकर 160 वर्ग मीटर और एमआईजी 2 श्रेणी के घरों का कार्पेट एरिया 200 वर्ग मीटर कर दिया है.
The Ministry has approved the increase of the carpet area of houses eligible for interest subsidy under the Credit-Linked Subsidy Scheme (CLSS) for MIG-2 under #PMAYUrban from “up to 150 square metre” to “up to 200 square metre”#TransformingIndia #HousingForAll pic.twitter.com/XIpXcoeH1e
— MoHUA (@MoHUA_India) June 12, 2018
इस फैसले से क्रेडिट लिंक सब्सिडी योजना के तहत एमआईजी1 श्रेणी के खरीददारों को 2.35 लाख रुपए और एमआईजी 2 श्रेणी के घर खरीददारों को 2.30 लाख रुपये का सब्सिडी में सीधा लाभ मिलता है.
The Ministry has approved the increase of the carpet area of houses eligible for interest subsidy under the Credit-Linked Subsidy Scheme (CLSS) for MIG-1 under #PMAYUrban from “up to 120 square metre” to “up to 160 square metre”#TransformingIndia #HousingForAll pic.twitter.com/kxw7UOxaW8
— MoHUA (@MoHUA_India) June 12, 2018
मंत्रालय ने मंगलवार को इस योजना के तहत कार्पेट एरिया में बढ़ोतरी के संशोधित प्रस्ताव को मंजूरी देते हुये क्रेडिट लिंक सब्सिडी योजना के लाभार्थियों को आवास ऋण में छूट देने का रास्ता साफ कर दिया. मौजूदा व्यवस्था में एमआईजी1 श्रेणी के घरों के लिये कार्पेट एरिया 120 वर्ग मीटर और एमआईजी2 श्रेणी के घरों के लिये 150 वर्ग मीटर निर्धारित था.
इस लोन को लेने के लिए होनी चाहिए इतनी इनकम
क्रेडिट लिंक सब्सिडी योजना के तहत एमआईजी1 श्रेणी के आवास खरीददारों की वार्षिक आय 6 से 12 लाख रुपए और एमआईजी2 श्रेणी के लिये 12 से 18 लाख रुपये होने का प्रावधान है. इस आय वर्ग के खरीददारों को एमआईजी1 के तहत 20 साल की अवधि के लिए 9 लाख रुपए के मंजूर आवास ऋण पर ब्याज दर में 4% और एमआईजी2 के तहत 12 लाख रुपए के मंजूर आवास ऋण पर ब्याज दर में 3% की छूट मिलती है.
मंत्रालय ने संशोधित प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए इस योजना के लागू होने की तिथि 1 जनवरी 2017 से प्रभावी मानी है. जिससे पीएमएवाई योजना के तहत इससे पहले आवास ऋण ले चुके लोगों को भी सब्सिडी का लाभ मिल सके. इस योजना की अवधि अगले साल 31 मार्च तक निर्धारित की गयी थी. योजना के तहत इस साल 11 जून तक सरकार द्वारा एमआईजी श्रेणी के आवास ऋण पर 35204 लाभार्थियों को 736.79 करोड़ रुपये सब्सिडी के रूप में जारी किए जा चुके हैं.
क्या है स्कीम
दरअसल सरकार ने पिछले साल एक जनवरी से प्रधानमंत्री आवास योजना उन लोगों के लिए लागू की थी, जिनकी आमदनी सालाना 6-12 लाख रुपए है और दूसरी श्रेणी में, जिनकी आमदनी 12-18 लाख रुपए सालाना है. इनमें से 6-12 लाख रुपए सालाना आमदनी वालों को सरकार ने एमआईजी वन कैटिगरी में रखा था. इनलोगों के लिए स्कीम थी कि यदि इस आमदनी वाले ग्राहक लोन लेकर मकान खरीदते हैं तो उनके लोन में से 9 लाख रुपए के लोन की राशि पर जो भी ब्याज दर लगेगी, उसमें से 4 फीसदी ब्याज सरकार सब्सिडी के रूप में देगी.
इसी तरह से दूसरी श्रेणी के लोगों के लिए तय किया गया था कि अगर वे लोन लेकर मकान खरीदते हैं तो 12 लाख रुपए तक के ब्याज पर 3 फीसदी ब्याज राशि सरकार सब्सिडी के रूप में देगी. इन दोनों श्रेणियों के लोगों को इस तरह से एमआईजी वन और एमआईजी टू के रूप में बांटा गया था. अब 6-12 लाख रुपए की आमदनी वाले 160 वर्ग मीटर (1722 वर्ग फीट) का फ्लैट खरीदकर भी यह सब्सिडी ले सकेंगे. उसी तरह से 18 लाख रुपए की आमदनी वाले अब 200 वर्ग मीटर (2153 वर्ग फीट) का फ्लैट खरीदकर इस सब्सिडी का फायदा उठा सकेंगे.
( साभार: न्यूज 18 )
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