प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने फेमा कानून के कथित उल्लंघन के मामले में विवादित आर्म्स डीलर संजय भंडारी और उनके करीबी लोगों की 26.61 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त कर ली है.
ईडी के मुताबिक, ‘विदेश में जमा अघोषित संपत्ति के मामले’ में भंडारी की संपत्ति जब्त हुई है. यह कार्रवाई मुद्रा प्रबंधन कानून (फेमा) की धारा 37ए के तहत की गई है.
क्या है फेमा कानून?
फेमा की धारा 37ए के अनुसार यदि इस कानून का उल्लंघन करके विदेशी मुद्रा, विदेशी प्रतिभूति या विदेश में अचल संपत्ति जमा की है तो, उसी कीमत की संपत्ति भारत में जब्त की जा सकती है. ईडी ने इस साल फरवरी में पीएमएलए कानून और फेमा कानून के तहत भंडारी के खिलाफ आपराधिक आरोप का मामला दर्ज किया था. खबर है कि वह भारत छोड़ कर किसी अन्य देश में जा चुका है.
दिल्ली पुलिस ने एक साल पहले सरकारी गोपनीयता कानून के उल्लंघन का मामला भंडारी के खिलाफ दर्ज किया था. भंडारी का मामला सबसे पहले तब सामने आया जब आयकर विभाग ने पिछले साल अप्रैल ने उनके खिलाफ तलाशी अभियान चलाया था. उस वक्त उनके परिसरों से कुछ ‘संवेदनशील’ रक्षा दस्तावेज बरामद हुए थे.
इन छापे के दौरान आयकर विभाग को 2010 में लंदन के एक बेहद महंगे अपार्टमेंट की मरम्मत संबंधी ईमेल पर हुई बातचीत भी मिली थी. कथित रूप से यह इस फ्लैट का मालिकाना हक कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बहनोई रॉबर्ट वाड्रा के पास है.
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