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बीमार दिल्ली के लिए क्यों फायदेमंद हो सकता है ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे?

इस एक्सप्रेसवे के चालू हो जाने से दि्ल्लीवालों को जहां एक तरफ जाम की समस्या से निजात मिलेगी वहीं पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिहाज से भी यह एक्सप्रेसवे लोगों को काफी राहत देने वाला है.

Updated On: May 30, 2018 04:05 PM IST

Ravishankar Singh Ravishankar Singh

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बीमार दिल्ली के लिए क्यों फायदेमंद हो सकता है ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे?

ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे बीमार दिल्ली के लिए विटामिन का काम करेगा. दिल्ली में प्रदूषण की सबसे बड़ी वजहों में से एक है ट्रैफिक और ट्रैफिक जाम. देश भर की गाड़ियां जो हरियाणा, पंजाब, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल, उत्तर प्रदेश, राजस्थान की ओर आती-जाती हैं उनसे अब दिल्ली बची रह सकेगी. इसी पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के जरिए ये गाड़ियां दिल्ली को बख्शते हुए बाहर निकल जाया करेंगी. जाहिर सी बात है कि दिल्ली वालों को जल्द ही इसका फर्क भी महसूस पड़ने वाला है.

ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे को बनाया भी इस तरह से गया है कि यह पर्यावरण फ्रेंडली है. सड़कों पर बिजली होगी, मगर तारों का जंजाल नहीं होगा. न जमीन के अंदर, न बाहर. सौर बिजली से इसकी सड़क रोशन हुआ करेगी. फिलहाल यह इकलौती सड़क होगी, जिसे ये गौरव प्राप्त होगा. एक्सप्रेस-वे पर 8 सौर संयंत्र लगाए गए हैं. 4 मेगावाट बिजली उत्पादन की इसकी क्षमता है.

सड़क निर्माण के दौरान इंच-इंच जमीन के अधिकतम उपयोग का ख्याल रखा गया है. हर 500 मीटर पर सड़क के दोनों ओर फव्वारे लगे हैं. खास बात ये है कि ये फव्वारे हवा में गाड़ियों की वजह से फैलने वाले प्रदूषण को अपनी नमी के जरिए वहीं बिठा देंगे. साथ ही सड़क के आसपास दिल्ली को प्रदूषित होने नहीं देंगे.

हाईवे पर 36 राष्ट्रीय स्मारक और 40 झरने भी प्रदूषण कम करने के मकसद से जुड़े हैं. सड़क के दोनों ओर साइकल ट्रैक बनाए गए हैं और 2 मीटर का फुटपाथ भी है. इससे पैदल और साइकिल से चलने वालों की प्रेरणा और मौके भी मिला करेंगे.

ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के शुरू होने से दिल्ली में 40 फीसदी ट्रैफिक जाम कम हो जाएंगे. साथ ही दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के स्तर पर इसका 27 फीसदी सकारात्मक असर होगा. अगर ये दावा सही निकला, तो बीमार दिल्ली जल्द ही स्वस्थ नजर आएगी.

Delhi-Meerut Expressway

बता दें कि राजधानी दिल्ली को स्वस्थ रखने के लिए केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता का जिक्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के उद्घाटन मौके पर किया. मोदी ने कहा कि प्रदूषण की समस्या पर गंभीरता दिखाते हुए उनकी सरकार ने दिल्ली के चारों ओर एक्सप्रेसवे का घेरा बनाने का फैसला लिया और उस फैसले पर अब अमल हो रहा है.

अगर बात करें इस एक्सप्रेसवे की तो जानकार मानते हैं कि इसके बन जाने के बाद सड़कें सौर ऊर्जा बिजली से रोशन रहेगी. दिल्ली-एनसीआर से लेकर बागपत तक यह सुविधा लोगों को मिलेगी. प्रदूषण कम करने की दिशा में यह एक बड़ा कदम साबित होगा. यह देश का पहला ऐसा एक्सप्रेसवे है जहां सड़क के किनारे दोनों तरफ हर 500 मीटर पर पानी का फव्वारा की व्यवस्था की गई है.

साथ ही एक्सप्रेसवे पर सोलर ऊर्जा के इस्तेमाल पर खास ध्यान रखते हुए 25 मीटर के साइकिल ट्रैक और 2 मीटर के फुटपाथ की भी व्यवस्था की गई है. प्रदूषण पर काम करने वाली कई संस्थाओं का मानना है कि ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के शुरू हो जाने के बाद दिल्ली में 41 प्रतिशत ट्रैफिक जाम और 27 प्रतिशत तक प्रदूषण कम हो जाएगा. इससे दिल्ली से सटे लोगों को खासकर फायदा होने वाला है.

दूसरी तरफ दिल्ली में लगातार बढ़ती आबादी और गाड़ियों की बढ़ती संख्या ने भी ट्रैफिक जाम की समस्या को और बढ़ा दिया है. हाल फिलहाल में इससे निजात पाना बेहद मुश्किल लग रहा था. दिल्ली पुलिस लाख कोशिशों के बावजूद इस समस्या का समाधान खोजने में नाकाम साबित हो रही थीं, लेकिन ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रवे के चालू हो जाने के बाद दिल्ली पुलिस को भी लगने लगा है कि दिल्ली की ट्रैफिक व्यवस्था दुरुस्त होगी और प्रदूषण भी काफी हद तक कम हो जाएगा.

दिल्ली पुलिस के चीफ पीआरओ और स्पेशल पुलिस कमिश्नर दीपेंद्र पाठक फर्स्टपोस्ट हिंदी से बात करते हुए कहते हैं, ‘देखिए ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के शुरू हो जाने से निश्चित रूप से दिल्ली के लोगों को काफी राहत मिलने वाली है. पिछले कुछ सालों से दिल्ली में ट्रैफिक जाम और प्रदूषण एक गंभीर समस्या बन कर उभरी है. हमलोग दिल्ली की इन दो प्रमुख समस्याओं को देखते हुए ही रात में ही कमर्शियल गाड़ियों को दिल्ली से गुजरने की इजाजत देते थे. इससे दो तरह की बातें होती थी एक तो प्रदूषण तो बढ़ता ही था साथ ही दुर्घटनाएं भी बहुत होती थीं. हजारों-हजार गाड़ियों का दिल्ली में जमावड़ा लगता था. जिस समय बाहरी गाड़ियों को दिल्ली से गुजरने का समय होता था, उसके बाद से रास्ते में खड़ी गाड़ियों में दुर्घटनाएं बहुत अधिक होती थीं.’

दीपेंद्र पाठक आगे कहते हैं, ‘देखिए बाहरी गाड़ियों के कारण दिल्ली में दुर्घटनाएं और प्रदूषण दोनों बेवजह ही हुआ करते थे क्योंकि उनको दिल्ली से होकर ही जाना होता था. गाड़ियों के आपस में नजदीक होकर चलने से दुर्घटनाएं भी बहुत अधिक होती थीं. पहले अगर छोटी गाड़ियों को पंजाब से यूपी जाना होता था तो वह गाड़ियां दिल्ली होकर ही जाया करती थीं, लेकिन अब इस एक्सप्रेसवे के चालू हो जाने के बाद वे सभी गाड़ियां दिल्ली नहीं आकर सीधे यूपी जा सकते हैं. इससे दिल्ली को काफी राहत मिलेगी. इस एक्सप्रेसवे के चालू होने से मुख्य तौर पर तीन बिंदुओं पर दिल्ली वालों को फायदा होने वाला है. पहला, जाम से मुक्ति मिलेगी. दूसरा, प्रदूषण में भी काफी कमी आएगी और तीसरा एक्सिडेंट्स और मौतों की संख्या में भी काफी कमी आएगी.’

meerut expressway

दिल्ली में जाम की समस्या और पर्यावरण पर काम करनी वाली एक एनजीओ संस्था से जुड़े अमित कुमार फर्स्टपोस्ट हिंदी से बात करते हुए कहते हैं, आपको बता दें कि दिल्ली-एनसीआर की आबादी में पिछले 20 वर्षों में लगभग 50 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. वहीं वाहनों की संख्या में भी लगभग 180 प्रतिशत की तेजी आई है. सड़कों की चौड़ीकरण की बात करें तो यह महज 15 से 20 प्रतिशत ही हो पाई है. ऐसे में इस एक्सप्रेसवे के चालू हो जाने के बाद दिल्ली को काफी राहत मिलेगी. एक बार फिर से दिल्ली की ट्रैफिक व्यवस्था और यातायात नियमों के उल्लंघन की घटनाओं में कमी भी आएगी.’

निश्चित तौर पर कह सकते हैं कि ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के चालू हो जाने से दिल्ली-एनसीआर में रहने वाले लोगों के चेहरे पर एक नई चमक देखने को मिलेगी. इस एक्सप्रेसवे के चालू हो जाने से दि्ल्लीवालों को जहां एक तरफ जाम की समस्या से निजात मिलेगी वहीं पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिहाज से भी यह एक्सप्रेसवे लोगों को काफी राहत देने वाला है.

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