डीयू में दाखिले को लेकर एक तरफ आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो गई है तो दूसरी तरफ कैंपस के अंदर और बाहर दाखिले प्रक्रिया को लेकर राजनीति शुरू हो गई है.
दिल्ली के मूल निवासी छात्रों को डीयू में वरीयता देने को लेकर हाईकोर्ट ने जहां केंद्र और दिल्ली सरकार को नोटिस दिया है. वहीं डीयू छात्रसंघ ऑनलाइन प्रवेश परीक्षा कराने के फैसले के विरोध में भूख हड़ताल पर बैठी है.
दिल्ली के मूल निवासी छात्रों को डीयू में वरीयता देने को ले लेकर हाईकोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है. हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है जिसमें यह कहा गया है कि दिल्ली विश्वविद्यालय में दिल्ली के मूल निवासियों को तरजीह मिलनी चाहिए.
क्या है मुद्दा?
याचिका को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार से यह स्पष्ट करने को कहा है कि क्यों नहीं यह याचिका स्वीकार की जाए. मामले की अगली सुनवाई 20 जुलाई को होगी.
याचिका में कहा गया है कि डीयू के सभी कॉलेजों को दिल्ली सरकार अनुदान देती है. यह अनुदान आम जनता के टैक्स के पैसे होते हैं. डीयू में 62 से अधिक कॉलेजों हैं और इनमें 56 हजार सीटें हैं.
याचिकाकर्ता के अनुसार दिल्ली के अधिकांश स्कूल केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से मान्यता प्राप्त हैं. सीबीएसई और देश के अन्य राज्यों जैसे बिहार, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, झारखंड के शिक्षा बोर्डो की मूल्यांकन प्रक्रिया में अंतर रहती है.
दूसरे राज्यों से आए छात्रों की वजह से दिल्ली के छात्र दाखिले से वंचित हो जाते हैं. अरविंद केजरीवाल की सरकार ने भी दिल्ली के छात्रों को दाखिले में वरीयता देने की अपील कर चुकी है. ऐसे में अदालत डीयू को दिल्ली के छात्रों को प्राथमिकता देने का आदेश जारी करे.
छात्रों को एडमिशन के लिए यूं मिलेगी सलाह?
हम आपको बता दें कि दिल्ली विश्वविद्यालय में नए सत्र 2017-18 के लिए पिछले सोमवार से ही आवेदन भरने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. छात्रों के दाखिले से जुड़ी जानकारी के लिए डीयू प्रशासन ने विश्वविद्यालय कैंपस में 10 दिनों का ‘ओपेन डेज’ कार्यक्रम शुरू किया है.
‘ओपन डेज’ कार्यक्रम के जरिए विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों के जिज्ञासाओं को समझ कर उसका समाधान निकालने का काम करती है. छात्रों की रुचि के हिसाब से दाखिले की प्रक्रिया के बारे में छात्रों को काउंसलिंग की जाती है.
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डीयू की तरफ से मौजूद विशेषज्ञों के द्वारा छात्रों को सलाह दी जाती है कि वह पसंद के कॉलेजों के पीछे भागने के स्थान पर अपनी पसंद के कोर्स में दाखिला लेने पर ध्यान दें. कॉलेज से ज्यादा कोर्स महत्वपूर्ण है.
दाखिला संबंधित समस्याओं को सुलझाने के लिए डीयू द्वारा 31 मई तक 'ओपन डेज' कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा.
एडमिशन पोर्टल खोलने में आ रही है मुश्किल
दूसरी तरफ विश्वविद्यालय प्रशासन का एडमिशन पोर्टल पहले दिन से ही छात्रों के लिए परेशान का कारण बना हुआ है. दिल्ली विश्वविद्यालय का एडमिशन पोर्टल को खोलने में अभी भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
सरल, सुगम और जल्दी दाखिला प्रक्रिया और तकनीकी तौर पर पूरी तरह से तैयारी का दावा करने वाली डीयू का पोर्टल पहले ही दिन से छात्रों के लिए परेशानी का कारण बना हुआ है.
दिल्ली विश्वविद्यालय के पोर्टल पर भारी संख्या में हिट आने से पोर्टल के जरिए फॉर्म जमा करने वाले छात्रों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
डीयू में स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए अभी तक कुल 40 हजार 143 छात्र-छात्राओं ने आवेदन किया है. इनमें से लगभग 28 हजार छात्रों ने अपना आवेदन सफलतापूर्वक भरा है.
डीयू में अभी तक अनारक्षित श्रेणी में 19 हजार 436 आवेदन मिल चुके हैं.
इसके अलावा ओबीसी में 5 हजार 844, एससी में 2 हजार 783 और एसटी में 801 आवेदन मिल चुके हैं.
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