उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में एक स्कूल के जरिए जिला प्रशासन का विरोध किया जा रहा है. दरअसल, प्रशासन ने जानकारी दी है कि स्कूल के खेल के मैदान में एक गौशाला बनाई जाएगी. जिसके बाद से विवाद बढ़ता जा रहा है.
तुलसीपुर तहसील के पचपेड़वा गांव के फजल-ए-रहमानिया इंटर कॉलेज के अधिकारियों का कहना है कि 2.5 एकड़ की जमीन उनके नाम से रजिस्टर है. जबकि प्रशासन का कहना है कि यह जमीन ग्रामसभा की है. वहीं जिला प्रशासन के जरिए जमीन खाली न करने पर स्कूल प्रशासन के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की चेतावनी भी दी गई है.
द इंडियन एक्सप्रेस को सरकारी सहायता हासिल स्कूल के प्रिंसिपल मोहम्मद इस्माइल ने बताया कि साल 1977 में एनडी तिवारी बलरामपुर की यात्रा के दौरान छात्रों के प्रदर्शन से प्रभावित हुए थे. जिसके बाद स्कूल को जमीन दान दी गई थी. उन्होंने कहा 'हम इस जमीन का इस्तेमाल 40 सालों से ज्यादा वक्त से करते आ रहे हैं. यह खसरा खतौनी दस्तावेजों में स्कूल के नाम से रजिस्टर है.'
इस मामले पर उन्होंने आगे कहा 'हमने जिलाधिकारी को लिखा है. गौशाला बनाने के लिए नोटिस भी नहीं दिया गया. स्कूल में अलग-अलग वर्गों के लगभग 1500 छात्र हैं. अगर वे अपना खेल का मैदान गंवाते हैं तो उन्हें नुकसान होगा.' वहीं पचपेड़वा क्षेत्र के लेखपाल रमेश चंद्र ने बताया कि जमीन ग्रामसभा की है. इसका नाप भी लिया गया है. अगर जमीन खाली करने से इनकार किया जाता है तो स्कूल के खिलाफ पुलिस शिकायत दर्ज करवाई जाएगी.
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