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पिक-अप और ड्रॉप की सुविधा देने वाली 'डीजल कैब्स' के नए रजिस्ट्रेशन पर लगेगा प्रतिबंध

प्रदूषण की निगरानी कर रहे अधिकारियों ने टैक्सी कंपनियों से एक अंडरटेकिंग जमा करने को कहा है. जिसमें उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके द्वारा चलाई जा रहीं डीजल टैक्सियां ​​राजधानी के भीतर प्वाइंट टू प्वाइंट सर्विसेज नहीं उपलब्ध कराएंगे

Updated On: Nov 23, 2018 05:04 PM IST

FP Staff

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पिक-अप और ड्रॉप की सुविधा देने वाली 'डीजल कैब्स' के नए रजिस्ट्रेशन पर लगेगा प्रतिबंध

सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त किए गए प्रदूषण की निगरानी कर रहे अधिकारियों ने गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी में अवैध रूप से चलाए जा रहे डीजल कैब्स के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है. अधिकारियों ने दिल्ली सरकार से उनके द्वारा पंजीकृत किए गए कारों के ईंधन अनुसार वर्गीकरण जमा करने को कहा है.

दिल्ली- एनसीआर में अब डीजल की कॉमर्शियल गाड़ियों की संख्या को सीमित किया जाएगा क्योंकि यह दिल्ली-एनसीआर में PM 2.5 का बहुत बड़ा कारण है.

हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के अनुसार पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम और नियंत्रण) प्राधिकरण (ईपीसीए) ने ऑनलाइन टैक्सी बुक कराने वाली कंपनियों से मंगलवार तक शहर में चलाए जा रहे डीजल कैब की एक सूची जमा करने के लिए कहा है.

सुप्रीम कोर्ट के पैनल ने कहा है कि वह नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सर्विसेज कंपनियों (NASSCOM) को लिखकर यह सुनिश्चित करेगी कि सभी कॉल सेंटर और निजी कंपनियां अपने कर्मचारियों के पिक अक और ड्रॉप के लिए डीजल कैब का उपयोग न करें.

 पेट्रोल या सीएनजी पर चलने वाली टैक्सियों का ही होगा रजिस्ट्रेशन

यह कदम सुप्रीम कोर्ट के मई 2016 के उस आदेश को लागू करता है, जिसके तहत डीजल कैब्स केवल भारतीय पर्यटक परमिट (एआईटीपी) पर सीमित समय के लिए एनसीआर के इलाकों में चल सकते हैं.

कोर्ट ने ऐसी टैक्सियों के नए पंजीकरण पर भी प्रतिबंध लगा दिया है जो राजधानी में पिक-अप और ड्रॉप सुविधाएं प्रदान करती हैं. केवल उन नए टैक्सियों को पंजीकृत करने का निर्देश दिया गया है जो पेट्रोल या सीएनजी पर काम करते हैं.

कोर्ट ने कहा है कि नई एआईटीपी परमिट को 'AITP-N'के नाम से रजिस्टर किया जाएगा. इन्हें एनसीआर इलाके में पिक-अप या ड्रॉप जैसी प्वाइंट टू प्वाइंट सर्विस उपलब्ध कराने की छूट नहीं होगी. वहीं पहले से मौजूद एआईटीपी परमिट वाली गाड़ियां, जो कॉल सेंटर में काम कर रहे लोगों को प्वाइंट टू प्वाइंट सर्विस उपलब्ध कराती हैं, उन पर प्रतिबंध लगाया जाएगा.

प्रदूषण की निगरानी कर रहे अधिकारियों ने टैक्सी कंपनियों से एक अंडरटेकिंग जमा करने को कहा है. जिसमें उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके द्वारा चलाई जा रहीं डीजल टैक्सियां राजधानी के भीतर प्वाइंट टू प्वाइंट सर्विसेज नहीं उपलब्ध कराएंगे.

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