केन्द्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने प्रधान मंत्री कार्यालय (पीएमओ) को 15 दिनों के भीतर विदेश से वापस लाए गए काले धन की डिटेल देने का आदेश दिया था. इसके जवाब में पीएमओ ने रविवार को आरटीआई अधिनियम के प्रावधान का हवाला देते हुए सीआईसी के साथ काले धन का डिटेल शेयर करने से मना कर दिया. पीएमओ ने कहा कि इससे दोषियों की जांच और अभियोजन पक्ष के सूचनाओं का खुलासा हो सकता है.
सीआईसी ने 16 अक्टूबर को कार्यालय से 15 दिनों के भीतर काले धन का ब्योरा देने के लिए कहा था. पीएमओ ने व्हिस्लब्लॉवर और नौकरशाह संजीव चतुर्वेदी द्वारा दायर आरटीआई आवेदन का जवाब देते हुए बताया कि एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन पहले ही हो चुका है और इसकी जांच चल रही है. इसमें कहा गया है- 'इस समय सरकार द्वारा किए गए सभी कार्यों/प्रयासों के सामने आने से अपराधियों की जांच या अभियोजन पक्ष की पूरी प्रक्रिया में बाधा आ सकती है. और इसलिए आरटीआई अधिनियम धारा 8(1)(एच) के तहत छूट का प्रावधान लागू होता है.'
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक नरेंद्र मोदी कार्यालय ने यह भी कहा कि ऐसी जांच विभिन्न सरकारी, खुफिया और सुरक्षा संगठनों के दायरे में आती है, जिन्हें आरटीआई अधिनियम के दायरे से बाहर रखा गया है.
संजीव चतुर्वेदी भारतीय वन सेवा (आईएफओएस) अधिकारी हैं. उन्होंने 1 जून, 2014 से विदेश से लाए गए काले धन की मात्रा पर जानकारी मांगी थी.
पिछले साल अक्टूबर में पीएमओ के आरटीआई जांच के शुरुआती जवाब के बाद चतुर्वेदी ने सीआईसी का दरवाजा खटखटाया. पीएमओ ने जवाब दिया था कि जो भी जानकारी मांगी वो पारदर्शिता कानून की धारा 2(एफ) के तहत शामिल नहीं है. लेकिन पिछले महीने, सीआईसी ने पीएमओ को 15 दिनों के भीतर सूचना प्रदान करने का आदेश दिया था.
हंदवाड़ा में भी आतंकियों के साथ एक एनकाउंटर चल रहा है. बताया जा रहा है कि यहां के यारू इलाके में जवानों ने दो आतंकियों को घेर रखा है
कांग्रेस में शामिल हो कर अपने राजनीतिक सफर की शुरूआत करने जा रहीं फिल्म अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर का कहना है कि वह ग्लैमर के कारण नहीं बल्कि विचारधारा के कारण कांग्रेस में आई हैं
पीएम के संबोधन पर राहुल गांधी ने उनपर कुछ इसतरह तंज कसा.
मलाइका अरोड़ा दूसरी बार शादी करने जा रही हैं
संयुक्त निदेशक स्तर के एक अधिकारी को जरूरी दस्तावेजों के साथ बुधवार लंदन रवाना होने का काम सौंपा गया है.