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सजा से बचने के लिए राम रहीम ने कोर्ट में बोला था- 1990 से नपुंसक हूं

रेप के चार्ज से अपने आप को बचाने के लिए गुरमीत राम रहीम सिंह ने दावा किया था कि वह साल 1990 से नपुंसक है

Updated On: Aug 31, 2017 04:00 PM IST

FP Staff

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सजा से बचने के लिए राम रहीम ने कोर्ट में बोला था- 1990 से नपुंसक हूं

डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को सीबीआई की विशेष अदालत ने रेप के दो मामलों में 10-10 साल की सजा सुनाई है. लेकिन, राम रहीम से जुड़ी एक और जानकारी सामने आ रही है. रेप के चार्ज से अपने आप को बचाने के लिए गुरमीत राम रहीम सिंह ने दावा किया था कि वह साल 1990 से नपुंसक है.

राम रहीम पर 1999 से 2002 के बीच दो रेप चार्ज लगे. सीबीआई कोर्ट में ट्रायल के दौरान अपना पक्ष रखते हुए राम रहीम ने कहा, वह साल 1990 से सेक्स करने में असमर्थ है. इसलिए उसके ऊपर साल 1999 में किसी तरह के रेप का आरोप सिद्ध नहीं हो सकता है.

सीबीआई जज जगदीप कुमार के सामने बयान दर्ज कराते हुए राम रहीम ने कहा, इस ग्राउंड पर ही उसके ऊपर लगे आरोप को खारिज किया जा सकता है. हालांकि इस मामले में एक गवाह ने उसके ही बयान को खारिज कर दिया.

जज ने कहा, गुरमीत राम रहीम का बयान गवाह के बयान के आगे कहीं भी नहीं टिकता है. जिसने कहा है कि राम रहीम की दो बेटियां हैं. हॉस्टल की वार्डेन ने भी कहा था, राम रहीम की दो लड़कियां साल 1999 से डेरा हॉस्टल में रह रही है. इस तथ्य को देखते हुए उसका नपुंसकता का दावा फेल साबित होता है. जज ने उसे दोनों मामले में 10-10 साल की सजा सुनाई जो कि एक साथ नहीं चलेंगे.

जज ने अपने 9 पेज के ऑर्डर में कहा कि जिसने अपनी साध्वियों को ही नहीं छोड़ा और जो जंगली जानवर की तरह पेश आया वह किसी रहम का हकदार नहीं है. जज ने आर्डर कॉपी में लिखा है कि यह दोषी अपनी ही महिला अनुयायियों का सेक्शुअल हैरेसमेंट करने और उन्हें धमकाने में शामिल रहा है, तो ऐसा शख्स कोर्ट की किसी भी हमदर्दी का हकदार नहीं है.

(साभार न्यूज 18)

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