live
S M L

सरकार और एमसीडी के दावे खोखले, दिल्ली में पैर पसार रहे हैं डेंगू और चिकनगुनिया

दिल्ली सरकार और नगर निगमों के लाख दावों के बावजूद इस साल भी दिल्लीवालों को डेंगू-मलेरिया और चिकनगनिया का डर सताने लगा है.

Updated On: Oct 08, 2018 08:08 PM IST

Ravishankar Singh Ravishankar Singh

0
सरकार और एमसीडी के दावे खोखले, दिल्ली में पैर पसार रहे हैं डेंगू और चिकनगुनिया

दिल्ली सरकार और नगर निगमों के लाख दावों के बावजूद इस साल भी दिल्लीवालों को डेंगू-मलेरिया और चिकनगनिया का डर सताने लगा है. पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में एक बार फिर से डेंगू तेजी से पैर पसारने लगा है. नगर निगम की रिपोर्ट के मुताबिक इस साल डेंगू के अब तक 650 मरीज सामने आए हैं. अगर बीते सप्ताह की बात करें तो सिर्फ दिल्ली में डेंगू के 170 नए मरीज सामने आए हैं. वहीं मलेरिया के लगभग 400 और चिकनगुनिया के लगभग 90 मामले सामने आए हैं.

दिल्ली में पिछले साल जहां चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या ज्यादा थी तो वहीं इस साल लग रहा है कि डेंगू के मरीजों की संख्या में बढोतरी होगी. वहीं दूसरी तरफ दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग के कुछ अधिकारियों का कहना है कि दिल्ली से कुछ ही दूरी पर जयपुर में जीका वायरस की पुष्टि हुई है. जयपुर में जीका वायरस की खबर आने के बाद दिल्ली में भी इस वायरस का खतरा और बढ़ गया है. पिछले कई सालों से दिल्ली में एडिस मच्छर का प्रकोप चल रहा है और अब अगर जीका वायरस भी दिल्ली में फैल जाता है तो एडिस मच्छर जीका वायरस ट्रांसफर करने में सक्षम है. ऐसे में कहा जा सकता है कि डेंगू मच्छरों का प्रकोप पहले की तुलना में ज्यादा होगा.

प्रतीकात्मक तस्वीर

प्रतीकात्मक तस्वीर

नगर निगम के लाख दावे के बावजूद इस साल भी मच्छरों के प्रजनन के मामले में कोई कमी नहीं आई है. दिल्ली की तीनों एमसीडी में मच्छरों के लार्वा मिलने का सिलसिला लगातार जारी है. दिल्ली में इस साल भी मच्छरों के बीच लड़ाई छिड़ी हुई है कि इस साल कौन किस पर भारी पड़ने वाला है. पिछले कुछ सालों में कभी डेंगू के मरीज ज्यादा सामने आते हैं तो कभी चिकनगुनिया और मलेरिया के मरीजों की संख्या बढ़ जाती है. इस बीच दिल्ली में जीका वायरस ने भी दिल्लीवालों को डराना शुरू कर दिया है.

अगर नगर निगम की आंकड़ों की बात करें तो दिल्ली में इस साल मलेरिया से ज्यादा डेंगू तेजी से पैर पसार रहा है. जबकि, पिछले साल डेंगू की तुलना में चिकनगुनिया के मामले ज्यादा सामने आए थे. नगर निगम ने इस साल समय से पहले ही मच्छर जनित बीमारियों पर लगाम लगाने के उपाय शुरू कर दिए थे. इसके बावजूद डेंगू-मलेरिया और चिकनगुनिया के लाखों लार्वा मिले थे.

इस साल डेंगू के 650 मामलों में से 169 मामले अक्टूबर के पहले सप्ताह में सामने आए हैं, जबकि सितंबर में 374, अगस्त में 58, जुलाई में 19 और जून में 19 मामले सामने आए थे. दिल्ली में अब तक मलेरिया के लगभग 400 मामले और चिकनगुनिया के 90 मामले सामने आए हैं. पिछले साल मच्छर जनित बीमारी से 10 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी, वहीं इस साल डेंगू से अब तक एक बच्ची की मौत की पुष्टि एमसीडी कर चुकी है. इसके बावजूद नगर निगम के अधिकारी कहते हैं कि हालात नियंत्रण में है.

दिल्ली के एलजी अनिल बैजल ने नगर निगम के अधिकारियों को जिम्मेदारी सुनिश्चित करने के आदेश दिए थे. एलजी ने नगर निगम को सख्त हिदायत दी थी कि इस बार अगर मामला बिगड़ता है तो लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा. लेकिन, ऐसा होता नहीं दिख रहा है.

दिल्ली में पिछले कुछ सालों से डेंगू और चिकनगुनिया के कारण लगातार मौतें हो रही हैं. हाल के वर्षों में साल 2015 में डेंगू से सबसे ज्यादा 60 लोगों की मौत हुई थी. दिल्ली नगर निगम और दिल्ली सरकार के तरफ से हर साल ठोस पहल की बात की जाती रही है. पर, हर साल यही कहानी दोहराती रहती है.

साल 2016 में एडिस मच्छर का असर डेंगू के रूप में कम और चिकनगुनिया के रूप में अधिक नजर आया था. पिछले साल दिल्ली का कोई भी अस्पताल ऐसा नहीं था जहां पर चिकनगुनिया का मरीज भर्ती नहीं था. दिल्ली के अस्पतालों का आलम ये था कि मरीजों को बेड नहीं मिलने के कारण घर लौटना पड़ रहा था. अस्पतालों में बेड न होने के कारण मरीज फर्श पर ही लेट जाते थे.

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल डेंगू और चिकनगुनिया को लेकर लगातार मीटिंग बुला रहे हैं. केजरीवाल लगातार कहते आ रहे हैं कि डेंगू और चिकनगुनिया से लड़ने के लिए दिल्ली ही नहीं बल्कि पूरे एनसीआर को मिलकर काम करना होगा. पिछले साल ही दिल्ली सरकार ने एक आदेश जारी किया था जिसमें कहा गया था कि डेंगू-चिकनगुनिया और मलेरिया के मरीजों के लिए निजी अस्पतालों की फीस स्वास्थ्य विभाग तय करेगा. साथ ही मरीजों को नुकसान करने वाली दवाओं को प्रतिबंधित कर दिया गया है. साथ ही दिल्ली के सभी निजी अस्पतालों को भी निदेश दिए गए थे कि अगर डेंगू के मरीज आते हैं तो इसकी सूचना दिल्ली सरकार को देनी होगी.

बता दें कि दिल्ली सरकार ने राज्य के सभी निजी और 26 सरकारी अस्पतालों को ये फरमान जारी कर रखा है कि अगर डेंगू और चिकनगुनिया के मरीजों की भर्ती नहीं हुई तो फौरन कार्रवाई होगी. दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग ने सभी 262 डिस्पेंसरियों को भी सुबह से शाम तक खोलने का फरमान जारी कर रखा है. साथ ही दिल्ली के सभी अस्पतालों को बुखार में दी जानी वाली पैरासिटामोल और ग्लूकोज के स्टॉक और बढ़ाने का निर्देश जारी किया गया है.

dengue 2

बता दें कि दिल्ली में कई कारणों से मच्छरों का लार्वा बढ़ रहा है. मच्छरों से बचाव के लिए एमसीडी लगातार दवाओं का छिड़काव कर रही है. तमाम कोशिशों के बावजूद मच्छरों पर लगाम नहीं लग पा रही है. एमसीडी की कोशिशों को नकारते हुए कैग ने 2016 में एमसीडी के इस प्रयास को खारिज कर दिया था. रिपोर्ट में कहा गया था कि एमसीडी में मच्छरों की निगरानी बेहतर तरीके से नहीं की गई. नगर निगम ने 42 करोड़ 85 लाख रुपए मच्छर रोधी ऐसे उपायों पर खर्च किए, जिसे राष्ट्रीय मच्छर जनित बीमारी नियंत्रण कार्यक्रम के तहत स्वीकृत ही नहीं किया गया था.

दिल्ली के तीनों नगर निगमों के मेयरों ने डेंगू-चिकनगुनिया और मलेरिया को लेकर विशेष एहतियात बरतने की बात तो जरूर की है पर धरातल पर ऐसा दिखाई नहीं देता है. मच्छर जनित बीमारियों से लोग लगातार परेशान हो रहे हैं और दिल्ली की तीनों एमसीडी हर साल मौसम शुरू होने से पहले बड़े दावे तो जरूर करती हैं, लेकिन हकीकत में कुछ और होता है.

0

अन्य बड़ी खबरें

वीडियो
KUMBH: IT's MORE THAN A MELA

क्रिकेट स्कोर्स और भी

Firstpost Hindi