दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते स्तर के लिए आसपास के राज्यों में पराली जलाने को मुख्य रूप से जिम्मेदार माना जा रहा है. लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी कि दिल्ली को गैस चेंबर बनाने के पीछे पराली का नहीं बल्कि दूसरे देशों का हाथ है. एक स्टडी में सामने आया है कि इराक, कुवैत और सऊदी अरब में आए धूल के तूफान के कारण दिल्ली की हवा दूषित हुई है.
सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च और भारतीय मौसम विभाग ने गुरुवार को स्टडी जारी की. जिसमें कहा गया कि इराक, कुवैत और साऊदी अरब में आए धूल के तूफान की वजह से दिल्ली की हवा और प्रदूषित हुई है. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, धूल के तूफान दिल्ली में 8 नवंबर को अचानक बढ़े प्रदूषण की सबसे बड़ी वजह थे. दिल्ली में प्रदूषण फैलाने के लिए इन तूफानों को 40 फीसदी और पराली को 25 फीसदी जिम्मेदार माना गया है.
स्टडी में कहा गया है कि अगर दूसरे देशों का दिल्ली पर बुरा प्रभाव न पड़ा होता, तो दिल्ली में पीएम 2.5 का औसत स्तर 640 की बजाए 200 होता. इराक, कुवैत और सऊदी अरब में अक्टूबर के अंत से लेकर 4 नवंबर के बीच धूल के तूफान आए थे. जोकि ठंडी हवाओं के साथ मिल गए. छह नवंबर को पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में बड़ी मात्रा में पराली जलाई गई थी. जिसने दिल्ली में प्रदूषण को बढ़ाने का काम किया.
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