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दिल्ली प्रदूषण: सावधान! आपका नवजात शिशु 25 सिगरेट का धुआं ले रहा है

इस समय देश की राजधानी में सबसे ज्यादा खतरा छोटे बच्चों, वृद्धों और सांस के मरीजों को है

Updated On: Jan 08, 2019 03:32 PM IST

FP Staff

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दिल्ली प्रदूषण: सावधान! आपका नवजात शिशु 25 सिगरेट का धुआं ले रहा है

दिल्ली में सांस लेना एक दिन में 25 सिगरेट पीने के बराबर है. इस समय देश की राजधानी में सबसे ज्यादा खतरा छोटे बच्चों, वृद्धों और सांस के मरीजों को है. नवजात बच्चे अगर खुले में हैं, तो वो भी 25 सिगरेट के बराबर धुआं ले रहा है. दिल्ली में लंग (फेफड़ों) के बड़े डॉक्टरों में से एक अरविंद कुमार ने कहा कि यहां जो बच्चे पैदा होते हैं, वो अपने जीवन के पहले ही दिन से 20 से 25 सिगरेट पीने के बराबर धुआं ले रहे हैं.

एनडीटीवी की खबर के मुताबिक, योगेश कुमार जिनकी हाल ही में लंग सर्जरी हुई है. उनके डॉक्टरों को डर है कि सर्जरी के बाद वो दिल्ली की हवा में सांस लेंगे, तो उनके लिए मुसीबतें बढ़ सकती हैं. डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि स्मॉग की वजह से भारत में हर साल 10 लाख से ज्यादा लोगों की मौत होती है और दिल्ली दुनिया के किसी भी बड़े शहर में सबसे अधिक प्रदूषित है.

हर साल नवंबर आते-आते दिल्ली के अस्पतालों में मरीजों की संख्या भी बढ़ने लगती है. योगेश का इलाज कर रहे सर गंगा राम हॉस्पिटल के डॉक्टर श्रीनिवास के. गोपीनाथ ने कहा है कि दिल्ली की हवा योगेश के लिए फांसी जैसी है. गोपीनाथ को अपने मरीज के लिए डर है कि अभी उसने किसी तरह टीबी की बीमारी से जंग लड़ी है और अब वो एक न दिखने वाले हत्यारे के रहमो-करम पर है.

डॉक्टर ने बताया कि योगेश को दिवाली के दिन अस्पताल से छुट्टी मिलेगी. उन्होंने कहा कि अस्पताल के अंदर वायु की गुणवत्ता तो ठीक है पर जैसे ही वो अस्पताल से बाहर कदम रखेगा, वैसे ही उस पर इसका बुरा असर भी पड़ना शुरू हो जाएगा. आपको बता दें कि दिल्ली में दिवाली के दिन वायु की गुणवत्ता खतरनाक स्तर से भी ऊपर पहुंच जाती है. ऐसे में योगेश के लिए अस्पताल से बाहर कदम रखना घातक साबित हो सकता है.

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