देश की राजधानी दिल्ली में सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर होने वाले विरोध-प्रदर्शन में कमी दर्ज की गई है. दिल्ली पुलिस की रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2016 के मुकाबले वर्ष 2017 में ऐसे विरोध-प्रदर्शनों में 11 फीसदी कमी दर्ज की गई.
रिपोर्ट में बताया गया है कि देश भर के संगठन राजनीतिक, सामाजिक, श्रम, युवा और छात्रों से जुड़े हुए मुद्दों को लेकर बड़ी संख्या में यहां प्रदर्शन करते रहे हैं.
दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2017 में विभिन्न तरह के कुल 9,546 विरोध-प्रदर्शन दिल्ली में हुए. इन प्रदर्शनों की संख्या वर्ष 2016 के 10,784 प्रदर्शनों की अपेक्षा 11 फीसदी कम रही.
प्रदर्शनों में 4116 धरना, 1586 विरोध-प्रदर्शन, 320 जुलूस, 443 मार्च और रैलियां निकाली गई. कुल 751 सभाएं और 2,330 अन्य तरह के कार्यक्रम यहां आयोजित हुए थे.
दिल्ली पुलिस के एक सीनियर अफसर ने बताया कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने पिछले साल अक्टूबर में जंतर-मंतर पर सभी तरह के धरनों और विरोध-प्रदर्शनों के आयोजन पर प्रतिबंध लगा दिया था. अधिकरण का कहना था कि इससे पर्यावरण कानूनों का उल्लंघन होता है. इस वजह से विरोध प्रदर्शनों में कमी आई है.
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सभी प्रदर्शनों से सहज तरीके से निपटा गया.
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