दिल्ली के एक नामी स्कूल में अपने बेटे को एडमिशन दिलाने के लिए एक कारोबारी ने फिल्म हिंदी मीडियम के तर्ज पर झूठ का सहारा लिया. जांच में जब इस सच्चाई का खुलासा हुआ तो हर कोई हैरान रह गया.
यह मामला साल 2013 का है जब गौरव गोयल नाम के कारोबारी ने चाणक्यपुरी के संस्कृति स्कूल में ईडब्लूएस कोटे (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) से अपने बेटे का एडमिशन दिलवाया था. इसके लिए उसने स्कूल को चाणक्यपुरी के पास स्थित स्लम संजय कैंप को अपना एड्रेस बताया. फर्जी दस्तावेजों के जरिए गौरव ने अपनी सालाना आय 67 हजार रुपए दिखाई. इस काम में उसने जाली वोटर कार्ड और बर्थ सर्टिफिकेट का सहारा लिया. गौरव ने स्कूल को बताया कि वह एक एमआरआई सेंटर में काम करता है.
टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के अनुसार गौरव गोयल ने जब अपने छोटे बेटे का एडमिशन सिबलिंग (भाई/बहन) कोटे से करवाना चाहा तो उसका यह भेद खुल गया. एडमिशन प्रक्रिया के दौरान स्कूल ने गौरव के बड़े बेटे के दस्तावेजों की जांच की तो उन्हें इसमें गड़बड़ी लगी. स्कूल ने पुलिस को इसकी शिकायत की जिसके बाद आरोपी गौरव गोयल को उसके जवाहर कॉलोनी स्थित घर से गिरफ्तार कर लिया गया.
Delhi: #Visuals of Gaurav Goel who faked poverty to admit his son under the economically weaker section (EWS) category at a prominent school in 2013. He was arrested by Delhi police yesterday after a complaint was registered by the school. pic.twitter.com/kyUghgVoVZ
— ANI (@ANI) April 8, 2018
स्कूल ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए तीसरी क्लास में पढ़ने वाले गौरव के बेटे को निष्काषित कर दिया है.
पुलिस को पता चला कि गोयल एमआरआई लैब में काम नहीं करता, बल्कि वह उस लैब का मालिक है. साथ ही वो दाल का थोक कारोबारी भी है और कामकाज के सिलसिले में वो लगभग 20 देशों की यात्रा कर चुका है.
एडमिशन के इस फर्जीवाड़े रैकेट में कई अन्य लोग शामिल
डीसीपी मधुर वर्मा ने कहा कि पुलिस गौरव के अलावा इस फर्जीवाड़े रैकेट में शामिल लोगों का पता लगाने की कोशिश कर रही है. पुलिस के मुताबिक स्कूल को गौरव गोयल पर तब शक हुआ, जब उसने कहा कि वह उनके बेटे को ईडब्ल्यूएस कैटेगरी से जनरल कैटगरी में शिफ्ट कर सकते हैं, क्योंकि वक्त के साथ उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर हो गई है. गौरव ने अपने स्थाई पते में सफदरगंज एन्क्लेव लिखा तो स्कूल का शक पक्का हो गया. स्कूल ने दिल्ली के चाणक्यपुरी थाने में इस धोखाधड़ी की शिकायत की.
पुलिस ने एमसीडी, एफआरआरओ और इनकम टैक्स के रिकॉर्ड खंगाले तो पता चला कि गौरव अपने कारोबार से मोटी कमाई कर रहा है. पुलिस को शक है कि सरकारी विभाग के भी कुछ अधिकारी भी इस फर्जीवाड़े में उससे मिले हुए हैं.
गौरव गोयल को शनिवार को कोर्ट के सामने पेश किया गया जहां से उसे दो दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया गया है.
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