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1984 सिख दंगा: दिल्ली हाई कोर्ट ने 88 लोगों को दोषी करार देने का फैसला बरकरार रखा

पूर्वी दिल्ली के त्रिलोकपुरी क्षेत्र में दंगों, घरों को जलाने और कर्फ्यू का उल्लंघन करने के लिए दो नवंबर, 1984 को गिरफ्तार किये गये 107 लोगों में से 88 लोगों को सत्र अदालत ने 27 अगस्त,1996 को दोषी ठहराया था

Updated On: Nov 28, 2018 04:04 PM IST

FP Staff

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1984 सिख दंगा: दिल्ली हाई कोर्ट ने 88 लोगों को दोषी करार देने का फैसला बरकरार रखा

दिल्ली उच्च न्यायालय ने 1984 सिख विरोधी दंगा मामले में लगभग 80 लोगों को दोषी ठहराये जाने और पांच वर्ष जेल की सजा सुनाये जाने के फैसले को बुधवार को बरकरार रखा. यह मामला पूर्वी दिल्ली के त्रिलोकपुरी इलाके में हुए सिख दंगों से जुड़ा है. सिख हिंसा में 2800 सिख मारे गए थे. इस मामले की छानबीन करते हुए 2100 लोगों को गिरफ्तार किया गया था.

 

एक निचली अदालत ने घरों को जलाने और दंगों के दौरान कर्फ्यू का उल्लंघन करने के लिए इन लोगों को दोषी ठहराया था. दोषियों ने इस फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील की थी. उच्च न्यायालय ने इन लोगों की अपीलों को खारिज कर दिया. न्यायमूर्ति आर के गौबा ने सभी दोषियों को चार सप्ताह के भीतर आत्मसमर्पण करने के निर्देश दिये हैं.

पूर्वी दिल्ली के त्रिलोकपुरी क्षेत्र में दंगों, घरों को जलाने और कर्फ्यू का उल्लंघन करने के लिए दो नवंबर, 1984 को गिरफ्तार किये गये 107 लोगों में से 88 लोगों को सत्र अदालत ने 27 अगस्त,1996 को दोषी ठहराया था. दोषियों ने सत्र अदालत के इस फैसले को चुनौती दी थी.

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