दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाई है. बुधवार को हाईकोर्ट ने पूछा कि पर्यावरण टैक्स के नाम पर जुटाए गए फंड के पैसे से बसों को क्यों खरीदा जा रहा है.
कोर्ट ने कहा कि बसों को खरीदना सरकार के जरूरी कामों में से है. इसके लिए ग्रीन टैक्स के फंड का उपयोग क्यों किया जाए?
HC to Delhi Govt- Why do you want to use the "just discovered" green cess funds for buses? Buses are a part of "essential functioning" of govt. Plan to purchase has been pending for a long time.Why divert environment funds for bus purchase?
— ANI (@ANI) November 29, 2017
पिछले दिनों एक आरटीआई से खुलासा हुआ था कि दिल्ली सरकार ने प्रदूषण दूर करने के नाम पर पर्यावरण टैक्स के जरिए 787 करोड़ इक्टठा किए थे. लेकिन सरकार ने इसमें से 1 करोड़ रुपया भी नहीं खर्च किया.
इस खुलासे के बाद दिल्ली सरकार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर 500 नई इलेक्ट्रिक बसें खरीदने की घोषणा की थी. सरकार ने कहा कि वह ग्रीन टैक्स से नहीं, अलग से बजट देकर बसों को खरीदेगी. उनके पास बसों के लिए पैसे की नहीं, रख-रखाव की समस्या है.
दिल्ली सरकार यह ग्रीन टैक्स सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दिल्ली में प्रवेश करने वाले ट्रकों से वसूलती है. सरकार ने 10 नवंबर तक कुल 1003 करोड़ रुपए वसूला है. इसी तरह डीजल बिक्री पर इनवायरमेंट सेस लिया जाता है. उससे भी सरकार के पास लगभग 500 करोड़ रुपए हैं.
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