दिल्ली उच्च न्यायालय ने करीब दो साल पहले लापता हुए जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्र नजीब अहमद का पता लगाने की याचिका पर आज फैसला सुना दिना है. दिल्ली उच्च न्यायालय ने नजीब अहमद की मां फातिमा नफीस की याचिका का निपटारा किया और सीबीआई को निर्देश दिया कि इस मामले की फाइल को बंद कर दिया जाए. कोर्ट ने कहा कि नजीब की मां ट्रायल कोर्ट के समक्ष शिकायतें उठा सकती है जहां रिपोर्ट दायर की जाती है.
JNU student Najeeb Ahmad missing case: Delhi High Court court disposes off the petition filed by Fatima Nafis (mother of Najeeb Ahmad), court also allows CBI to file closure report in the case. Court says his mother can raise grievances before trial court where report is filed.
— ANI (@ANI) October 8, 2018
इससे पहले न्यायमूर्ति एस मुरलीधर और न्यायमूर्ति विनोद गोयल की पीठ ने छात्र की मां की याचिका पर फैसला 4 सितंबर 2018 को सुरक्षित रख लिया था. अदालत ने छात्र की मां और सीबीआई की दलीलों पर सुनवाई पूरी की थी. सीबीआई ने पिछले साल 16 मई को मामले में जांच संभाली थी. आपको बता दें कि 15 अक्टूबर 2016 को नजीब जेएनयू के माही-मांडवी छात्रावास से लापता हो गया था. इससे पिछली रात को उसका कुछ छात्रों से झगड़ा हो गया था. दूसरे छात्र कथित तौर पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के बताए गए थे. मामले की जांच कर रही सीबीआई ने अदालत को बताया था कि उसने मामले में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करने का फैसला किया है चूंकि उसने सभी कोणों से जांच की है और उसे नहीं लगता कि लापता शख्स के खिलाफ कोई अपराध किया गया.
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