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अब बेलगाम मुनाफा नहीं कमा सकेंगे निजी अस्पताल, दिल्ली सरकार ला रही है नीति

सरकार ने इसके लिए प्रॉफिट कैपिंग पॉलिसी बनाई है. इसके तहत दवाइयों और इलाज की दर तय की जाएगी

Updated On: May 06, 2018 01:25 PM IST

FP Staff

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अब बेलगाम मुनाफा नहीं कमा सकेंगे निजी अस्पताल, दिल्ली सरकार ला रही है नीति

दिल्ली सरकार बहुत जल्द ऐसी नीति ला रही है जिससे अस्पतालों की बेलगाम मुनाफा कमाने की सीमा नियंत्रित की जा सकेगी. सरकार दवाओं और इलाज में उपयोग होने वाले उपकरणों की कीमतों पर भी लगाम लगाने की तैयारी में है. इस कदम से निजी अस्पतालों में दवाओं के बिल पर अंकुश लगेगा. दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने इसके लिए बीते दिसंबर में 9 सदस्यों की एक कमेटी बनाई है.

सरकार ने यह साफ कर दिया है कि प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों से दवाईयों की मनमानी कीमत नहीं वसूली जा सकती और न ही अस्पताल की दवा दुकानों से दवाई खरीदने के लिए मजबूर किया जा सकता है.

टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक सरकार ने इसके लिए प्रॉफिट कैपिंग पॉलिसी बनाई है. इसके तहत दवाइयों और इलाज की दर तय की जाएगी. साथ ही, अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) से कितने फीसदी ज्यादा पैसे वसूल किए जा सकते हैं, यह भी तय किया जाएगा. दूसरी ओर, मरीज को भर्ती करने से इनकार करने जैसी परेशानियों से निपटने के उपाय भी इस नीति में किए जा रहे हैं.

बताया जाता है कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने यह कदम मरीजों से इलाज और दवाइयों-उपकरणों की बहुत ज्यादा कीमत वसूलने की शिकायतें सामने आने के बाद उठाया है. कुछ महीने पहले एक निजी अस्पताल में डेंगू से एक बच्चे की मौत हो गई थी. निजी अस्पताल ने इलाज के नाम पर बच्चे के परिजनों को 15 लाख रुपए का बिल थमाया. उस घटना के बाद निजी अस्पतालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग उठती रही है.

9 सदस्यों वाली कमेटी में दिल्ली मेडिकल काउंसिल, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और स्वास्थ्य विभाग के कुछ नौकरशाह शामिल हैं. इन सदस्यों में एक ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, हमने एक महीने पहले अपनी सिफारिशें सरकार को सौंप दी है. एक और अधिकारी ने बताया, स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन अगल हफ्ते मुनाफे की सीमा तय करने वाली नीति का ऐलान करेंगे.

इस नीति के जरिये अस्पतालों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे. दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मामूली सी बीमारी का लाखों रुपए का बिल दिया जाता है और उपकरणों की कीमत एमआरपी से कई-कई गुना अधिक लगाई जाती है. इस पर रोक लगनी चाहिए इसलिए सरकार ने यह पॉलिसी बनाई है.

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