दिल्ली की एक अदालत ने सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना से जुड़े कथित घूस मामले में गिरफ्तार कथित बिचौलिए मनोज प्रसाद की जमानत याचिका को खारिज कर दिया. विशेष सीबीआई न्यायाधीश संतोष स्नेही मान ने प्रसाद की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि अदालत इस चरण में उन्हें राहत नहीं दे सकती.
न्यायिक हिरासत में चल रहे मनोज प्रसाद को 17 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था. अदालत ने 31 अक्टूबर को सह-आरोपी और सीबीआई के डीएसपी देवेंद्र कुमार को जमानत दे दी थी. जांच एजेंसी ने उनकी जमानत याचिका का विरोध नहीं किया था. केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कारोबारी सतीश सना की लिखित शिकायत पर 15 अक्टूबर को राकेश अस्थाना और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी.
वहीं सीबीआई ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट से कहा कि विशेष निदेशक राकेश अस्थाना और अन्य लोगों के खिलाफ रिश्वतखोरी के आरोपों में दर्ज प्राथमिकी संज्ञेय अपराध दिखाती है. एजेंसी ने एफआईआर रद्द करने की अस्थाना की अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि इस स्तर पर रोविंग इंक्वायरी (विषय वस्तु से असंबद्ध) की अनुमति नहीं है.
सीबीआई ने अदालत से यह भी कहा कि अस्थाना के खिलाफ जांच अभी प्रारंभिक चरण में है, विभिन्न दस्तावेजों और अन्य लोगों की भूमिकाओं की जांच की जा रही है. इसी संबंध में एजेंसी ने अदालत को बताया कि वह असमर्थ है, क्योंकि कुछ फाइल और दस्तावेज सीवीसी (केन्द्रीय सकर्तता आयोग) की निगरानी में हैं. एजेंसी ने अस्थाना के जरिए लगाए गए सभी प्रतिकूल आरोपों का खंडन किया है.
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