दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के कार्यालय में तीन साल के दौरान चाय-नाश्ते पर एक करोड़ रुपए से भी ज्यादा का खर्च आया है. हल्द्वानी के एक आरटीआई कार्यकर्ता ने इस बात की जानकारी दी. उन्होंने इसके लिए फरवरी में आरटीआई का आवेदन दाखिल किया था.
आरटीआई के जवाब में बताया गया है कि केजरीवाल के मुख्यमंत्री बनने के बाद से अब तक 1.03 करोड़ रुपए सीएमओ ने चाय-नाश्ते पर खर्च किए हैं. वहीं केजरीवाल की यात्राओं पर अब तक 11.99 लाख रुपए का खर्च आया है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, पिछले सप्ताह ही आरटीआई का जवाब हेमंत सिंह गौनिया को भेजा गया था. इसमें बताया गया है कि वित्त वर्ष 2015-16 के दौरान चाय और नाश्ते पर खर्च 23.12 लाख आया जबकि वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान यह लगभग बढ़ कर दोगुना (46.54 लाख रुपए) हो गया. हालांकि वित्त वर्ष 2017-18 में यह घट कर 33.36 लाख हो गया.
इस मामले पर बोलते हुए आरटीआई कार्यकर्ता गौनिया ने कहा कि ऐसे खर्चों को नियंत्रित करने की जरूरत है. इन पैसों को जरूरतमंद लोगों पर खर्च किया जाना चाहिए. उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा कि सरकार अच्छे के लिए इन खर्चों में कटौती करेगी.
पहले भी आरटीआई दाखिल कर विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री कार्यालय के चाय-नाश्ता पर हुए खर्च की जानकारी मांगी गई है. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री टीएस रावत ने अपने 10 महीने के कार्यकाल के दौरान चाय नाश्ते पर 68 लाख रुपए खर्च किया था. वहीं एक आरटीआई से पता चला था कि उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी की सरकार ने 4 साल में चाय-नाश्ते पर 9 करोड़ रुपए खर्च किए थे.
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