दिल्ली के आर्कबिशप की चिट्ठी सामने आने के बाद एक नया विवाद शुरू हो गया है. यह चिट्ठी आर्कबिशप अनिल काउटो ने देश के तमाम पादरियों को लिखी है. उन्होंने इसमें पादरियों से दुआ करने का आग्रह किया है ताकि नरेंद्र मोदी की सरकार दोबारा न बन पाए. इसी के साथ उन्होंने देश की मौजूदा राजनीतिक स्थिति को अशांत बताया है.
इस चिट्ठी के बाद अब प्रतिकियाओं का दौर भी शुरू हो गया है. केंद्रीय मंत्री गिरीराज सिंह ने कहा कि 'मैं ऐसा कोई कदम नहीं उठाऊंगा जिससे सांप्रदाय़िक सद्भाव को नुकसान हो. लेकिन अगर चर्च लोगों से मोदी की सरकार नहीं बनने के लिए दुआ करने के लिए कहते हैं तो देश को सोचना पड़ेगा कि दूसरे धर्म के लोग कीर्तन पूजा करें.'
Every action has a reaction. I won't take a step that disrupts communal harmony. But if church asks people to pray so that Modi govt isn't formed, country will have to think that people from other religions will do 'kirtan pooja': Giriraj Singh on Archbishop's letter to priests pic.twitter.com/lyJw9cFdvp
— ANI (@ANI) May 22, 2018
केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने इस मामले पर बात करते हुए कहा कि मैंने वो चिट्ठी नहीं देखी है, लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि भारत उन देशों में से हैं जहां अल्पसंख्यक समुदाय सुरक्षित रहते हैं. जाति और धर्म के आधार पर भेदभाव करने का हक किसी को भी नहीं है.
I have not seen the letter, but I want to say India is one of those countries where minorities are safe & no one is allowed to discriminate on the basis of caste & religion: HM Rajnath Singh, on Archbishop's letter to priests asking to "pray for country" ahead of 2019 elections. pic.twitter.com/JhsZCGVGIB
— ANI (@ANI) May 22, 2018
इससे पहले आरएसएस विचारक राकेश सिन्हा ने चिट्ठी पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि ये प्रार्थना नहीं कर रहे हैं बल्कि ये बताने की कोशिश कर रहे हैं कि ये देश बहुसंख्यकों का है, अल्पसंख्यकों का नहीं. वो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर वोटरों को प्रभावित कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि ये प्रार्थन नहीं बल्कि दुष्प्रचार है जिसे सीधे वेटिकन से कंट्रोल किया जा रहा है.
चिट्ठी में क्या लिखा था?
आर्कबिशप ने चिट्ठी में पादरियों को संबोधित करते हुए लिखा कि हम अशांत राजनीतिक माहौल में जी रहे हैं. लोकतांत्रिक सिद्धांत और धर्मनिरपेक्ष ताना बाना खतरे में है. देश और राजनेताओं के लिए प्रार्थना करना हमारी परंपरा है. आम चुनाव आने वाले हैं ऐसे में और भी जरूरी हो जाता है. बिशप ने कहा कि ईसाई समुदाय विशेष कर शुक्रवार को देश के लिए प्रार्थना करें. खबरों के मुताबिक बिशप ने पादरियों से अगले साल होने वाले आम चुनावों के लिए प्रार्थना करने के साथ-साथ उपवास रखने के लिए भी कहा है. बिशप अनिल काउट ने कहा कि हम लोग 2019 की ओर बढ़ रहे हैं और इसी साल हमें नई सरकार मिलेगी. ऐसे में 13 मई से हम सभी को प्रार्थना शुरू करनी चाहिए.
दिल्ली के आर्कबिशप काउटो ने कहा, 'सभी चर्च और संस्थानों में हम प्रार्थना करते हैं. हम अपने देश के लिए प्रार्थना करते हैं. देश में जो कुछ भी हो रहा है उसे देखते हुए हमने अगले चुनाव और नई सरकार के बारे में कहा था. हर सरकार को लोगों और संविधान को बचाना चाहिए.'
In all churches&institutions we pray&fast. We pray for our own renewal & that of country. Keeping in mind all that's happening in our country we said that we look forward to next election & next govt. Every govt should protect people&Constitution: Anil Couto, Archbishop of Delhi pic.twitter.com/HyFsIo4DhO
— ANI (@ANI) May 22, 2018
What else will I talk? Elections & govt concerns us. We've to have such govt that cares for freedom of people,rights&welfare of Christian community. I'm not meddling in partisan politics. We're just praying that nation should walk in right direction:Anil Couto,Archbishop of Delhi pic.twitter.com/UEqZX4PNWL
— ANI (@ANI) May 22, 2018
हंदवाड़ा में भी आतंकियों के साथ एक एनकाउंटर चल रहा है. बताया जा रहा है कि यहां के यारू इलाके में जवानों ने दो आतंकियों को घेर रखा है
कांग्रेस में शामिल हो कर अपने राजनीतिक सफर की शुरूआत करने जा रहीं फिल्म अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर का कहना है कि वह ग्लैमर के कारण नहीं बल्कि विचारधारा के कारण कांग्रेस में आई हैं
पीएम के संबोधन पर राहुल गांधी ने उनपर कुछ इसतरह तंज कसा.
मलाइका अरोड़ा दूसरी बार शादी करने जा रही हैं
संयुक्त निदेशक स्तर के एक अधिकारी को जरूरी दस्तावेजों के साथ बुधवार लंदन रवाना होने का काम सौंपा गया है.