live
S M L

दिल्ली की हवा में सांस लेना मुश्किल, सबसे गंभीर स्तर पर पहुंचने वाला है प्रदूषण

दिवाली में अभी दस दिन बाकी है, लेकिन दिल्ली की हवा अभी से खराब होती जा रही है

Updated On: Oct 29, 2018 10:16 AM IST

FP Staff

0
दिल्ली की हवा में सांस लेना मुश्किल, सबसे गंभीर स्तर पर पहुंचने वाला है प्रदूषण

दिवाली में अभी दस दिन बाकी है, लेकिन दिल्ली की हवा अभी से खराब होती जा रही है. रविवार को राजधानी में हवा की क्वालिटी इस सीजन में सबसे खराब रही. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में रविवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 381 दर्ज किया गया. यह प्रदूषण के गंभीर स्तर से कुछ ही कम है. वहीं आज यानी सोमवार को दिल्ली के लोधी रोड इलाके में प्रदूषण सूचकांक PM 2.5 पर 263 और PM 10 पर 249 दर्ज किया गया.

सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी) रोज एयर क्वालिटी इंडेक्स चेक करता है. इंडेक्स बड़े पॉल्यूटेंट PM2.5 और PM10 को मापती है. अगर यह 0 से 50 के बीच AQI ‘अच्छा’ माना जाता है. 51 और 100 के बीच ‘संतोषजनक’. 101 और 200 के बीच ‘मध्यम’ श्रेणी का. 201 से 300 के बीच ‘खराब’. 301 से 400 के बीच ‘बेहद खराब’ और 401 से 500 के बीच AQI ‘गंभीर’ माना जाता है.

ऐस माना जा रहा था कि आगामी 1 नवंबर से लेकर 10 नवंबर के बीच राजधानी की वायु गुणवत्ता बहुत खराब रहेगी, लेकिन अभी से ही हवा की इस स्थिति को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि आने वाले दिनों में हालात कितने खराब हो सकते हैं.

हवा की दिशा में बदलाव, धीमी हवा गति और तापमन में गिरावट से प्रदूषण के स्तर में थोड़ी गिरावट की आशंका जताई गई थी,लेकिन पंजाब और हरियाणा में जलने वाली पराली की वजह से हवा की गुणवत्त में कोई सुधार नहीं दर्ज किया गया. स्थिति औ खराब ही हो गई.

सरकार की वायु प्रदूषण रिसर्च बॉडी, सफर के अनुसार दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के सबसे बड़े कारणों में से एक पराली जलाना है.

वायु प्रदूषण की चिंताजनक स्थिति से निपटने के लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड नीत कार्यबल ने की अनुशंसाएं

दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में हवा की लगातार ख़राब होती गुणवत्ता को ठीक करने के लिए सरकार ने यह फैसला किया है कि वह वायु प्रदूषण मानकों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ अब सख्त रुख अपनाते हुए आपराधिक मामला दर्ज कर कार्रवाई करेगी.

वहीं केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड नीत एक कार्यबल ने दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण की चिंताजनक स्थिति से निपटने के लिए एक नवंबर से 10 नवंबर के बीच कम से कम निजी वाहनों को चलने की अनुमति देने, कोयले एवं जैवईंधन आधारित उद्योगों को बंद करने जैसी कठोर अनुशंसाएं की हैं.

अब सीपीसीबी के 41 के बजाए 50 निगरानी दल सप्ताह में दो दिन के बजाए कम से कम पाँच दिन इन शहरों में औचक निरीक्षण करेंगे. नियमों का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की कार्रवाई की जाएगी.

0

अन्य बड़ी खबरें

वीडियो
KUMBH: IT's MORE THAN A MELA

क्रिकेट स्कोर्स और भी

Firstpost Hindi