पूर्व नौसेना प्रमुख एडमिरल अरुण प्रकाश के ट्वीट पर विवादित प्रतिक्रिया देने वाली रक्षा मंत्रालय की प्रवक्ता स्वर्णश्री राव राजशेखर को छुट्टी पर भेजकर उनकी जगह कर्नल अमन आनंद को जिम्मेदारी दी गई है. एडमिरल प्रकाश ने सेना की पश्चिमी कमांड की एक वित्तीय सलाहकार की कार पर लगे सेना के झंडे की तस्वीर को लेकर ट्वीट किया था. उन्होंने कहा था कि यह सेना के प्रतीक का दुरुपयोग है.
Col. Aman Anand, took over as the acting Official Spokesperson of MOD as the Spokesperson proceeds on leave.
— Defence Spokesperson (@SpokespersonMoD) October 26, 2018
इस पर राजशेखर ने जवाब में सैन्य अधिकारियों के विशेषाधिकारों के दुरुपयोग की बात कही थी. हालांकि बाद में यह ट्वीट डिलीट भी कर दिया गया था. लेकिन इस पर सेना के कई अफसरों ने आपत्ति जताई थी. सफाई में रक्षा मंत्रालय ने कहा कि अनजाने में यह ट्वीट हो गया और इसके लिए खेद है.
अरुण प्रकाश ने एक कार पर सेना के झंडे वाली फोटो पोस्ट की थी. इसके साथ उन्होंने लिखा था, 'यदि सेना कमांड के प्रतीक के इस्तेमाल पर आम नागरिक को सजा नहीं होती है तो भी उस व्यक्ति को GOC द्वारा फटकारा जाना चाहिए.' प्रकाश जुलाई 2004 से अक्टूबर 2006 के दौरान नौसेना के प्रमुख थे.
राजशेखर ने अधिकारियों द्वार सुविधाओं के दुरुपयोग का मामला उठाया:
इसके जवाब में राजशेखर ने कमेंट किया, 'एक अधिकारी के कार्यकाल के दौरान आपके घर पर जवानों के दुरुपयोग के बारे में क्या सर? फौजी गाड़ियों से बच्चों को स्कूल भेजने और लाने के बारे में क्या कहेंगे? सरकारी गाड़ी के जरिए मैडम की शॉपिंग की बात भूल तो नहीं गए. और अनवरत चलने वाली पार्टियां... उनका पैसा कौन देता है?' हालांकि बाद में यह ट्वीट हटा दिया गया.
पूर्व सैन्य अधिकारियों ने कड़ा विरोध किया:
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता के ट्वीट पर सेवानिवृत सैन्य अधिकारियों ने कड़ा ऐतराज जताया. कुछ ने कहा कि प्रवक्ता का कमेंट सुरक्षा बलों के प्रति नौकरशाही के रूख को दिखाता है.
रिटायर्ड मेजर जनरल हर्ष कक्कड़ ने रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण से कहा कि प्रवक्ता की टिप्पणी ने सेना के तीनों अंगों के प्रति मंत्रालय का असली रंग दिखाया है. उन्होंने कहा, ‘क्या यह अचानक हुआ. यह आपके रक्षा मंत्रालय का असली रंग दिखाता है मैडम. आप सेना की हिफाजत के लिए हैं, ना कि उसे बदनाम करने के लिए. इस प्रवक्ता को बनाए रखना भारत का, उसके सशस्त्र बल का और उसकी कुर्बानियों का अपमान है. यह दिग्गज सैन्य अधिकारियों के प्रति कोई सम्मान नहीं दिखाता है. आपकी प्रवक्ता एक मुसीबत हैं.’
रिटायर्ड एयर वाइस मार्शल मनमोहन बहादुर ने प्रवक्ता के ट्वीट को शर्मनाक बताया. भाजपा सांसद राजीव चंद्रखेशर ने भी प्रवक्ता की टिप्पणी पर सख्त ऐतराज जताया और इसकी जांच कराने की मांग की. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि यह अस्वीकार्य आचरण है और वह इसकी जांच का अनुरोध करते हैं.
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