सीआरपीएफ अपना 79 वां स्थापना दिवस मना रही है. गृहमंत्री राजनाथ सिंह शहीद जवानों को याद कर रहे हैं. परिजनों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहने की बात कर रहे हैं. लेकिन इसी सीआरपीएफ का एक जवान ऐसा भी है जो अपनी आंत को पॉलीथिन में रखकर दर-दर भटक रहा है. ये हैं मध्यप्रदेश मुरैना के रहनेवाले मनोज तोमर.
मार्च 2014 में छत्तीसगढ़ के झीरम घाटी में नक्सलियों से लोहा लेते हुए उनके पेट में सात गोली लग गई. गोली लगने से आंत फटकर बाहर आ गई. गंभीर रूप से घायल होने की वजह से उस वक्त को आंत को पेट में रखना संभव नहीं था.
डॉक्टरों ने उसे बाहर ही रखने को कहा. अब आंत को पेट के अंदर रखा जा सकता है. लेकिन उनके पास इतने पैसे नहीं हैं कि इसका एक बार फिर ऑपरेशन कराया जा सके. उनके एक आंख की रौशनी भी चली गई है.
हालत देख चौंक गए थे राजनाथ सिंह, पर नहीं मिली मदद
दैनिक जागरण में छपी खबर के मुताबिक मनोज तोमर पीएम मनमोहन सिंह की सुरक्षा में तैनात रहे हैं. अपनी समस्या को लेकर वह गृहमंत्री राजनाथ सिंह से भी मिले. वहां उन्हें पांच लाख रुपए मिलने का आश्वासन मिला, लेकिन पैसा आज तक नहीं मिल पाया. उस वक्त उनका हाल देख राजनाथ सिंह भी चौंक पड़े थे.
यही नहीं वह केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से भी मिले. यहां आश्वासन मिला कि उनका इलाज एम्स में कराया जाएगा. लेकिन वह भी अश्वासन ही रह गया.
11 मार्च 2014 को छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में तैनात थे. घटना के दिन वह झीरम घाटी के लिए सीआरपीएफ की टुकड़ी के साथ निकले थे. उसी वक्त घात लगाकर बैठे लगभग 300 से अधिक नक्सलियों ने हमला बोल दिया. इसमें कुल 11 जवान शहीद हो गए थे. एकमात्र मनोज बच निकले थे.
(फोटो साभारः नई दुनिया)
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