और जो कोई इसका पालन नहीं कर पाएगा उनपर जुर्माना लगाने की भी बात कही गई है.
रागेश ने कहा कि एसबीआई के इस कदम से करीब 31 करोड़ जमाकर्ताओं पर असर पड़ेगा. उनके मुताबिक चूंकि एसबीआई देश का सबसे बड़ा बैंक है, इसलिए पूरी संभावना है कि अन्य बैंक भी उसका अनुकरण करेंगे.
एसबीआई के इस फैसले से संपन्न वर्ग को नहीं बल्कि गरीबों और आम लोगों पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ेगा.
उन्होंने कहा कि पहले सरकार ने बैंक खाते खोलने और फिर डिजिटल लेनदेन करने को कहा जिसे लोगों ने माना लेकिन अब खाते में न्यूनतम बैलेंस न होने पर जुर्माने का फैसला...यह मानना मुश्किल है.
रागेश ने कहा कि सरकारी स्वामित्व वाले बैंक संकट का सामना कर रहे हैं जिसका कारण उनसे लिए गए कर्जों की अदायगी न होना और एनपीए यानि नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स है.
एनपीए बढ़ने का कारण गरीबों या आम आदमी द्वारा लिया गया कर्ज नहीं बल्कि कॉरपोरेट जगत के लोगों द्वारा लिया गया कर्ज है. ऐसे लोगों द्वारा कर्ज अदायगी न करने पर सरकार की ओर से कोई कड़ी कार्रवाई नहीं की जा रही है.
रागेश के अनुसार एसबीआई का नया फैसला एक तरह से देश के लोगों को लूटने जैसा है.
रागेश ने कहा, यह फैसला देश के हित में नहीं है. उन्होंने सरकार से तत्काल हस्तक्षेप करने और एसबीआई को यह फैसला वापस लेने का आदेश देने का अनुरोध किया.
सीपीएम के तपन कुमार सेन ने कहा कि इस मुद्दे पर चर्चा की अनुमति दी जानी चाहिए क्योंकि एसबीआई के फैसले की मार आम लोगों पर पड़ेगी. लगभग सभी विपक्षी दलों के सदस्यों ने रागेश के इस मुद्दे का समर्थन किया.
हंदवाड़ा में भी आतंकियों के साथ एक एनकाउंटर चल रहा है. बताया जा रहा है कि यहां के यारू इलाके में जवानों ने दो आतंकियों को घेर रखा है
कांग्रेस में शामिल हो कर अपने राजनीतिक सफर की शुरूआत करने जा रहीं फिल्म अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर का कहना है कि वह ग्लैमर के कारण नहीं बल्कि विचारधारा के कारण कांग्रेस में आई हैं
पीएम के संबोधन पर राहुल गांधी ने उनपर कुछ इसतरह तंज कसा.
मलाइका अरोड़ा दूसरी बार शादी करने जा रही हैं
संयुक्त निदेशक स्तर के एक अधिकारी को जरूरी दस्तावेजों के साथ बुधवार लंदन रवाना होने का काम सौंपा गया है.
विपक्षी दल सीपीएम ने बचत खाते में 5,000 रूपये का न्यूनतम बैलेंस न होने पर जुर्माना लगाने के भारतीय स्टेट बैंक के फैसले को आज राज्यसभा में रद्द किए जाने की मांग की है.