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महिला कुली मंजू के संघर्षों की कहानी सुनकर भावुक हुए राष्ट्रपति

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अलग-अलग पृष्ठभूमि की 90 महिलाओं को सम्मानित किया. इन खास महिलाओं को केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने विशेष सम्मान के लिए चुना था

Updated On: Jan 21, 2018 12:48 PM IST

Bhasha

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महिला कुली मंजू के संघर्षों की कहानी सुनकर भावुक हुए राष्ट्रपति

राजस्थान की पहली महिला कुली मंजू ने सपने में भी कभी नहीं सोचा था कि उनका अभिनेत्री ऐश्वर्या राय बच्चन और 90 अन्य महिलाओं के साथ राष्ट्रपति भवन में सम्मान होगा. रोजी-रोटी कमाने की खातिर पुरुषों के वर्चस्व वाले पेशे में काम करना, उनके लिए बड़े सम्मान का कारण बन जाएगा.

मंजू ने जयपुर रेलवे स्टेशन पर कुली बनकर बोझ उठाने के अपने संघर्ष गाथा को बयां किया तो राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी इसे सुनकर भावुक हो गए.

मंजू ने राष्ट्रपति भवन में अपने-अपने क्षेत्र में उपलब्धियां हासिल करने वाली महिलाओं को संबोधित किया. उन्होंने कहा, ‘मेरा वजन 30 किलोग्राम था और यात्रियों का बैग भी 30 किलोग्राम था, लेकिन तीन बच्चों को पालने के बोझ के मुकाबले यह कहीं नहीं था. मेरे पति की मौत के बाद मुझ पर बच्चों के लालन-पालन करने की जिम्मेदारी आन पड़ी थी. मेरे भाई ने मुझे जयपुर आने और कोई काम ढूंढने के लिए कहा.’

उन्होंने बताया कि अधिकारियों ने मुझे 6 महीने तक प्रशिक्षण दिया और उसके बाद मैं कुली बन गई. मंजू और कुछ अन्य महिलाओं की कहानियां सुनने के बाद राष्ट्रपति ने कहा कि यहां हर किसी के पास सुनाने के लिए अपनी एक कहानी है.

इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अलग-अलग पृष्ठभूमि की 90 से अधिक महिलाओं को सम्मानित किया. इन खास महिलाओं को केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने विशेष सम्मान के लिए चुना था.

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