सत्ता से अपने डेढ़ दशकों का वनवास काट कर जैसे ही कांग्रेस पार्टी ने छत्तीसगढ़ के मंत्रालय में पदार्पण किया, वैसे ही कई प्रशासनिक अधिकारियों की काट-छांट भी शुरू कर दी. मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद भूपेश बघेल ने कई बड़े फैसले लिए तो अधिकारियों को दो टूक चेतावनी भी देदी. उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि अब राज्य में कोई गड़बड़ी और भ्रष्टाचार नहीं चलेगा.
इन फैसलों के अलावा बघेल सरकार ने पहले ही घंटे करीब आधा दर्जन प्रशासनिक 'सर्जरी' कर हड़कंप मचा दिया. अपने तेज तर्रार स्वभाव के कारण पहचाने जाने वाले भूपेश बघेल ने पहले ही घंटे जिस प्रशासनिक 'सर्जरी' को मंजूरी दी. उस लिस्ट में मुकेश गुप्ता, अशोक जुनेजा जैसे प्रमुख अधिकारियों के नाम शामिल है. साथ ही कई वरिष्ठ अधिकारियों के विभागों को भी बदल दिया गया.
ऐसा सिर्फ छत्तीसगढ़ में ही नहीं बल्कि कांग्रेस शासित राजस्थान में भी देखने को मिला है. वहां भी नव निर्वाचित मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पहला हमला प्रशासनिक अधिकारियों पर ही किया है. गहलोत सरकार ने 40 आईएएस अधिकारियों का तबादला कर दिया है. राजस्थान में भी सरकार ने बीजेपी के शासन को उखाड़ फेंक पांच साल बाद अपनी सरकार बनाई है.
Rajasthan: 40 IAS officers have been transferred.
— ANI (@ANI) December 18, 2018
गौरतलब है कि पिछले दिनों हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने तीन राज्यों में जीत हासिल की. इन तीनों राज्यों (छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश) में बीजेपी सत्ता में थी. छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में पिछले लगभग डेढ़ दशक से बीजेपी सत्ता में थी.
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