जम्मू और कश्मीर के मसले पर कांग्रेस के एक और वरिष्ठ नेता का बड़ा बयान आया है. कश्मीर के ही वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सैफुद्दीन सोज ने कहा है कि हम पाकिस्तान से विलय नहीं चाहते पर हमें आजादी चाहिए.
Musharraf said Kashmiris don't want to merge with Pakistan, their first choice is independence. The statement was true then and remains true now also. I say the same but I know that it is not possible: Saifuddin Soz, Congress pic.twitter.com/pmtWIxhN16
— ANI (@ANI) June 22, 2018
सोज ने अपने विवादित बयान में कहा कि कश्मीर के लोग भारत से आजादी चाहते हैं. हालांकि उन्होंने इतना जरूर कहा कि यह उनका निजी बयान है और इससे पार्टी को कोई लेना देना नहीं है. सोज ने यह भी मांग उठाई कि भारत सरकार को हुर्रियत और अलगाववादियों से बात करनी चाहिए. राज्यपाल एनएन वोहरा की ओर से जम्मू और कश्मीर को लेकर बुलाई सर्वदलीय बैठक से पहले सोज के बयान ने तूल पकड़ लिया है.
इतना ही नहीं, पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के एक बयान का समर्थन करते हुए सोज ने कहा, 'मैं उनकी बातों से इत्तेफाक रखता हूं कि कश्मीर में रहने वालों को अगर मौका मिले तो वे भारत या पाकिस्तान का हिस्सा बनने की बजाय आजाद होना ज्यादा पंसद करेंगे.' उन्होंने कहा कि मुशर्रफ ने लगभग 10 साल पहले जो बयान दिया था, वह जम्मू-कश्मीर के मौजूदा हालातों पर ठीक बैठता है.
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में सोज ने दावा किया कि 1953 से लेकर अबतक हिंदुस्तान की कई सरकारें बड़ी-बड़ी गलतियां करती आई हैं. इस दरम्यान देश की बागडोर कांग्रेस के प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी के हाथ भी रही. सोज ने बताया कि तब से लेकर अबतक कश्मीरी अपने को देश से अलग-थलग महसूस करते आ रहे हैं. सोज ने अपनी एक पुस्तक में ऐसा दावा किया है जो जल्द बाजार में उतरेगी.
सोज यूपीए-1 में केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं. उन्होंने अपनी आने वाली किताब में कहा है कि केंद्र सरकार को कश्मीर की समस्या सुलझाने के लिए मुख्य दलों के पास जाने से पहले हुर्रियत कॉफ्रेंस के लोगों से बात करनी चाहिए. हुर्रियत अलगाववादी धड़ा है जो कश्मीर की आजादी की मांग करता रहा है.
कश्मीर न्यूज सर्विस ने सोज के एक बयान में कहा कि 'मेरे खयाल से जम्मू-कश्मीर के लोगों की भावना कारगर साबित हुई जिसे देखते हुए मोदी-अमित शाह की जोड़ी ने प्रदेश में सरकार से अलग होने का फैसला किया.' सोज ने आगे कहा, उनके (मोदी-शाह) दिमाग में संयुक्त विपक्ष का भय बैठ गया है कि कांग्रेस 2019 से पहले विपक्ष के साथ गठबंधन करेगी जो पीएम मोदी के लिए काफी मुश्किल साबित होगा.
सोज के इस बयान पर बीजेपी और शिवसेना ने कड़ा ऐतराज जताया है. बीजेपी नेता सुब्रह्मणियम स्वामी ने कहा, केंद्रीय मंत्री रहते हुए उन्होंने (सैफुद्दीन सोज) काफी फायदा उठाया, वह भी तब जब जेकेएलएफ ने उनकी बेटी का अपहरण कर लिया था. ऐसे लोगों को मदद करने का कोई मतलब नहीं. यहां जिसे रहना है उसे संविधान को मानना होगा, अन्यथा हम उन्हें एकतरफा टिकट (पाकिस्तान के लिए) देंगे.
As central minister he (Saifuddin Soz) benefited from Centre's power when his daughter was kidnapped by JKLF. There's no use helping these ppl. Whoever wants to stay here can stay abiding by the Constitution,if they like Musharraf we'll give them a one-way ticket(to Pak): S.Swamy pic.twitter.com/2CsQZ0x21L
— ANI (@ANI) June 22, 2018
शिवसेना की मनीषा कयांदे ने कहा, सोज के बयान का जवाब कांग्रेस को देना चाहिए. अगर उन्हें (सोज) पाकिस्तान और मुशर्रफ से इतना लगाव है तो उन्हें पाकिस्तान चले जाना चाहिए.
Congress President needs to reply on Saifuddin Soz's statement & if Congress vouches for his statement. If he (SaifuddinSoz) has so much affection for Pakistan & Musharraf then he should consider migrating to Pakistan and become his servant: Manisha Kayande, Shiv Sena pic.twitter.com/JSgvT0Z36w
— ANI (@ANI) June 22, 2018
सोज के इस बयान के बाद कांग्रेस भी सकते में आ गई है. उसे इसका जवाब देना भारी पड़ रहा है.
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