भारत में साल 2004 से 2017 के बीच सांप्रदायिक हिंसा की 10,399 घटनाएं हुई जिसमें 1,605 लोग मारे गए और 30,723 लोग घायल हुए. गृह मंत्रालय ने एक आरटीआई के जवाब में यह जानकारी दी. साम्प्रदायिक हिंसा की सबसे अधिक 943 घटनाएं 2008 में हुई. साल 2008 में हिंसा में 167 लोग मारे गए और 2,354 लोग घायल हुए.
गृह मंत्रालय ने नोएडा के आईटी प्रोफेशनल और आरटीआई कार्यकर्ता अमित गुप्ता की अर्जी के जवाब में कहा कि हिंसा के सबसे कम 580 मामले 2011 में दर्ज किए गए. इस दौरान 91 लोगों की मौत हुई और 1,899 लोग घायल हुए. गुप्ता ने यह भी पूछा कि इस दौरान सांप्रदायिक झड़पों, दंगों और लड़ाइयों के संबंध में कितने लोग गिरफ्तार और दोषी सिद्ध हुए. उन्हें बताया गया कि ऐसे आंकड़े राज्य सरकार के पास होते हैं, क्योंकि पुलिस और सार्वजनिक व्यवस्था राज्य के विषय हैं.
गुप्ता से यह पूछे जाने पर कि उन्होंने 2004 से सांप्रदायिक झड़पों के आंकड़े क्यों मांगे, इस पर उन्होंने बताया, 'मैं सांप्रदायिक झड़पों, लड़ाइयों या दंगों की घटनाओं पर तथ्यों को सामने लाना चाहता था. इसलिए मैंने 2004 से 2017 तक के राज्यवर ब्यौरे मांगे, ताकि यूपीए और एनडीए सरकारों के दौरान चीजें साफ हो सके.'
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