जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी बुरहान वानी मुठभेड़ कांड का एक साल पूरा होने पर प्रदर्शनों के आयोजनों की आशंका के मद्देनजर सुरक्षा बलों ने सभी संभावित चुनौतियों से निपटने की तैयारी कर ली है.
कश्मीर घाटी में आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन के कमांडर बुरहान वानी की पिछले साल 8 जुलाई को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मौत के बाद से हिंसक विरोध प्रदर्शन जारी हैं.
इस मुठभेड़ का एक साल पूरा होने पर संभावित प्रदर्शनों से सुरक्षा और कानून व्यवस्था की चुनौतियों का गृह मंत्रालय ने आंकलन कर हालात से निपटने की तैयारी कर ली है.
मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि सभी संभावित खतरों का विश्लेषण कर एहतियाती कदम उठाए गए हैं. इस बाबत कश्मीर घाटी में किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बलों की भी तैनाती की गई है. अधिकारी ने बताया कि कश्मीर घाटी में लगातार आतंकी हमलों का खतरा बरकरार है और इसके मद्देनजर सरकार ने इलाके में साल भर आतंकवाद रोधी तंत्र को मजबूती से तैनात किया हुआ है.
राज्य के चार जिले पुलवामा, कुलगाम, शोपियन और अनंतनाग में बुरहान वानी की मौत के बाद पिछले एक साल से हिंसा की चपेट में आ गए हैं.
इन जिलों में पिछले 5 महीनों के दौरान आतंकवादी हिंसा में दो पुलिसकर्मियों सहित 76 लोगों की मौत हो चुकी है. इस बीच जम्मू-कश्मीर सरकार ने भी आगामी 6 जुलाई से राज्य के सभी स्कूलों में 10 दिन का ग्रीष्मकालीन अवकाश घोषित कर दिया गया है.
(साभार- न्यूज18)
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