अगर आप बाहरी व्यक्ति हैं, अंधेरा घिरने के बाद यात्रा करते हैं, अनजान रास्ते से सफर पर निकले हैं, रास्ते में रूककर पता पूछते हैं, या राह में किसी बच्चे को रोक कर उसे चॉकलेट देते हैं... तो यकीन मानिए आपके मुश्किलों में घिरने की पूरी आशंका है.
देश के अलग-अलग राज्यों में आजकल यही हो रहा है. बच्चा चोरी की अफवाहों के चलते 9 राज्यों- असम से लेकर तमिलनाडु तक में पिछले 1 साल के दौरान 27 लोगों की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई.
हालांकि इन घटनाओं में भीड़ का यह हिंसक गुस्सा फौरी तौर पर होता है लेकिन इंडियन एक्सप्रेस की टीम ने अपनी पड़ताल में इन घटनाओं की वास्तविक वजहों को जानने का प्रयास किया, जैसे- भीड़ की मानसिकता, आरोपी का चरित्र, किस तरह से अफवाहें फैली, पुलिस की प्रतिक्रिया और इसे लेकर की गई कानूनी कार्रवाई.
एक मुख्य बात जो इस पड़ताल से निकल कर सामने आई कि- घटनास्थल से थाने की दूरी का इन घटनाओं पर कोई विशेष फर्क नहीं पड़ा है. जिन 27 लोगों की भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्याएं हुई, वहां से नजदीकी थाना 2 से लेकर 20 किलोमीटर की दूरी पर था. मगर फिर भी पुलिस समय से वहां पहुंच पाने में नाकाम रही. कुछ मामलों में जहां पुलिस समय रहते पहुंची वहां भीड़ के आगे वो बेबस नजर आई. पुलिसबल की संख्या लोगों की तुलना में काफी कम थी.
स्पष्ट है कि, इस मामले में अफवाहों का शोर और भीड़ का गुस्सा पुलिस पर भारी साबित हुई. महत्वपूर्ण बात यह है कि, इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी पड़ताल में पाया कि इन सभी मामलों में आरोपी पीड़ित से अनजान थे. घटना के वक्त वो वहां से केवल गुजर भर रहे थे.
सरकार ने अफवाह वाले संदेश रोकने के लिए वाट्सएप को लिखा
बीते रविवार को महाराष्ट्र के धुले जिले में 5 लोगों की पीट-पीटकर हुई हत्या के बाद केंद्र सरकार ने हरकत में आते हुए वाट्सएप को अफवाहों वाले संदेशों को रोकने के लिए लिखा. इस सिलसिले में वाट्सएप की ओर से अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए कई कदम उठाए गए हैं.
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने अखबार से कहा, 'लेकिन अंत में यह स्थानीय पुलिस की ही जिम्मेदारी बनती है कि उनका सूचना तंत्र कितना मजबूत है. अफवाह फैलाने वाले संदेशों को रोकने के लिए वो कितनी तेजी से कार्रवाई करते हैं. साथ ही वो इन घटनाओं को रोकने के लिए कितने तैयार हैं.' उन्होंने कहा कि देश में कितनी ही जगहों पर अफवाह फैलने की खबर पर तत्परता से कार्रवाई की गई जिससे वहां कोई अप्रिय घटना नहीं हुई लेकिन इनकी कहीं खबर नहीं आई.
हालांकि कुछ मामलों में, यह भी कोई काम नहीं आया. झारखंड में पीड़ितों को पुलिस की जीप से बाहर खींचकर मार दिया गया. जबकि त्रिपुरा में पुलिस कैंप में शरण लेने वालों को भी निशाना बनाया गया.
बच्चा चोरी के अफवाहों के चलते अब तक किन राज्यों में लोगों की हुई हत्याएं..
झारखंड- 7 लोगों की हत्या
तमिलनाडु- 1 शख्स की हत्या
कर्नाटक- 1 शख्स की हत्या
तेलंगाना- 1 शख्स की हत्या
असम- 2 लोगों की हत्या
पश्चिम बंगाल- 2 लोगों की हत्या
छत्तीसगढ़- 1 शख्स की हत्या
त्रिपुरा- 3 लोगों की हत्या
महाराष्ट्र- 9 लोगों की हत्या
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