चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में 8 अहम मामलों की सुनवाई के लिए संवैधानिक पीठ का गठन किया है. आधार, धारा 377 जैसे अहम मामलों पर सुनवाई के लिए 5 सदस्यों वाले संवैधानिक पीठ का गठन किया गया है. न्यायपालिका की कार्यप्रणाली पर नाराजगी जाहिर करने वाले चारों जजों जस्टिस जे चेलामेश्वर, रंजन गोगोई, एम बी लोकुर और कुरियन जोसेफ को इस संवैधानिक पीठ में शामिल नहीं किया गया है.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस पीठ की अध्यक्षता चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा करेंगे. इसके अलावा जस्टिस ए के सीकरी, एएम खानविलकर, डीवाई चंद्रचूड़ और अशोक भूषण को इस खंडपीठ का सदस्य बनाया गया है.
CJI Dipak Misra has set up a 5-judge constitution bench under him to hear several major cases, the bench doesn't include the four judges who had held a press conference. (file pic) #SupremeCourt pic.twitter.com/mTkSISHuMC
— ANI (@ANI) January 16, 2018
पिछले साल 10 अक्टूबर के बाद से इन्हीं जजों की बेंच ने कई अहम मामलों की सुनवाई की थी. इस मामले में केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच प्रशासकीय अधिकार और इच्छामृत्यु से जुड़े मामले भी शामिल थे.
इस बार भी इन्हीं जजों की पीठ देश के प्रमुख मामलों जैसे आधार कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाला मामला और वयस्कों के बीच सहमति से समलैंगिक संबंधों जैसे मामले पर सुनवाई करेगी. इसके अलावा यह पीठ केरल के सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 साल की महिलाओं के प्रवेश और अगर कोई पारसी महिला किसी अन्य धर्म के व्यक्ति से शादी करती है तो क्या वो अपनी धार्मिक पहचान खो देगी, इस मामले में भी यह बेंच सुनवाई करेगी.
महिलाओं के व्याभिचार और अगर कोई सांसद किसी आपराधिक मुकदमे का सामना कर रहा है तो क्या उसे अयोग्य ठहराया जाएगा, इस मामले पर भी यह पीठ सुनवाई करेगी. इससे पहले इन सभी मामलों पर फैसले के लिए शीर्ष अदालत की बड़ी बेंचों के पास भेजा गया था.
8 अहम मामलों की सुनवाई के लिए संवैधानिक पीठ का गठन
मंगलवार को कोर्ट के सामने सुनवाई के सूचीबद्ध (लिस्टेड) मामलों में जस्टिस लोया की हत्या की जांच करने वाली दो जनहित याचिकाएं जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ के सामने रखी गई हैं. हालांकि जस्टिस मिश्रा पर एक वरिष्ठ वकील ने सार्वजनिक तौर पर आरोप लगाया था.
फिलहाल कोर्ट के सूत्रों के अनुसार अभी इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है कि क्या चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने उन पर आरोप लगाने वाले चार जजों से मुलाकात की है या नहीं. इन चार सीनियर जजों ने 12 जनवरी को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर के जजों के बीच मामलों के आवंटन को लेकर सवाल उठाए थे.
इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के एक पूर्व जज और हाईकोर्ट के तीन रिटायर्ड जजों ने सीजेआई को एक खुला पत्र लिख कर कहा है कि वह मामलों के आवंटन को लेकर शीर्ष न्यायालय के चार जजों द्वारा उठाए गए मुद्दों से सहमत हैं.
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज पीबी सांवत, दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस एपी शाह, मद्रास हाईकोर्ट के पूर्व जज के. चंद्रू और बॉम्बे हाईकोर्ट के पूर्व जज एच सुरेश द्वारा यह पत्र मीडिया को दिया गया.
(साभार: न्यूज़ 18 हिंदी)
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