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छत्तीसगढ़ नान घोटाले में DGP और SP सस्पेंड, EOW ने दर्ज कराई थी FIR

3600 करोड़ के इस घोटाले के तार रमन सिंह और उनके कई बड़े अफसरों तक पहुंच रहे हैं

Updated On: Feb 09, 2019 06:10 PM IST

FP Staff

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छत्तीसगढ़ नान घोटाले में DGP और SP सस्पेंड, EOW ने दर्ज कराई थी FIR

छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित नान घोटाले यानी नागरिक आपूर्ति निगम घोटाले में कार्रवाई की गई है. इकोनॉमिक विंग की ओर से एफआईआर दर्ज कराने के बाद शनिवार को छत्तीसगढ़ के डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस मुकेश गुप्ता और नारायणपुर के सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस रजनेश सिंह को निलंबित कर दिया गया है.

बता दें कि शुक्रवार को छत्तीसगढ़ पुलिस ने मुकेश गुप्ता और रजनेश सिंह पर अवैध रूप से फोन टैपिंग करने और नान घोटाले या पीडीएस (पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम) घोटाले में जांच के दौरान सबूत मिटाने के आरोपों में एफआईआर दर्ज किया था.

बता दें कि गुप्ता अभी पुलिस हेडक्वार्टर्स में स्पेशल डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस के बतौर कार्यरत हैं, वहीं सिंह नारायणपुर के एसपी हैं.

3600 करोड़ के इस घोटाले के तार रमन सिंह और उनके कई बड़े अफसरों तक पहुंच रहे हैं. जनवरी में राज्य में आई भूपेश बघेल की कांग्रेसी सरकार ने इस घोटाले की जांच नए सिरे शुरू करने के लिए नई एसआईटी का गठन किया है.

बता दें कि 12 फरवरी 2015 को एंटी करप्शन ब्यूरो और आर्थिक अपराध शाखा ने प्रदेश में नागरिक आपूर्ति निगम (नान) के अधिकारियों और कर्मचारियों के 28 ठिकानों पर एक साथ छापा मारा. इस कार्रवाई में 3.8 करोड़ कैश और भ्रष्टाचार से संबंधित कई दस्तावेज, हार्ड डिस्क और डायरी भी जब्त की गई थी.

आरोप है कि छत्तीसगढ़ में राइस मिलों से लाखों क्विंटल घटिया चावल लिया गया और इसके बदले करोड़ों रुपए की रिश्वतखोरी की गई.

इसी तरह नागरिक आपूर्ति निगम के ट्रांसपोर्टेशन में भी भारी घोटाला किया गया. इस मामले में 27 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. जिनमें से 16 के खिलाफ 15 जून 2015 को चार्जशीट पेश किया गया था. जबकि मामले में दो वरिष्ठ आईएएस अधिकारी डॉ. आलोक शुक्ला और अनिल टूटेजा के खिलाफ कार्रवाई की अनुमति के लिए केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखी गई.

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