केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की मांग स्वीकार कर ली है. उन्होंने केंद्र सरकार से राज्य में रमजान के दौरान एकतरफा संघर्षविराम बनाए रखने पर विचार करने को कहा था. वहीं अब केंद्र सरकार ने सुरक्षाबलों से रमजान के महीने में जम्मू-कश्मीर में कोई भी ऑपरेशन लॉन्च न करने को कहा है. हालांकि केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से ये भी कहा गया है कि इस दौरान सुरक्षाबलों के पास हमला होने और निर्दोष लोगों की जान बचाने की स्थिति में जवाबी कार्रवाई करने का अधिकार रहेगा.
Centre asks security forces not to launch operations in J&K during the month of Ramzan. Security forces to reserve the right to retaliate if attacked or if essential to protect the lives of innocent people: Ministry of Home Affairs pic.twitter.com/DgnQO9kQTm
— ANI (@ANI) May 16, 2018
आपको बता दें कि हाल ही में सीएम मुफ्ती ने कहा था कि हर कोई (सभी दल) सहमत हैं कि हमें (पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी) वाजपेयी के समय में एकतरफा संघर्षविराम बनाए रखने की तरह केंद्र से संघर्षविराम पर विचार करने की अपील करनी चाहिए. महबूबा मुफ्ती ने तत्कालीन प्रधानमंत्री वाजपेयी की जम्मू-कश्मीर नीति को अपनाने की बात दोहराई थी. उन्होंने कहा था कि सभी ने इस बात पर सहमति जताई है कि जैसे 2000 में वाजपेयी जी ने एकपक्षीय युद्धविराम किया था, उसी तरह इस सरकार को भी इस पर सोचना चाहिए.
मुफ्ती ने कहा था कि मुड़भेड़ से आम आदमी को परेशानी हो रही है. माहौल को बेहतर बनाने के लिए हमें अवश्य ही प्रयास करना चाहिए जिससे कि ईद और अमरनाथ यात्रा दोनों शांतिपूर्ण तरीके से हो सके.
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