भारतीय वायु सेना की बहुत समय से लंबित एक योजना को सरकार ने मंजूरी दे दी है. इस योजना के तहत भारतीय वायु सेना पाकिस्तान की सीमा से लगे उत्तर पूर्वी गुजरात के बनासकांठा जिले के डीसा में अपना बेस बना सकेगी. प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्योरिटी (सीसीएस) ने बुधवार को इसकी मंजूरी दी.
रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि सीसीएस ने शुरुआत में रनवे के विस्तार, लड़ाकू विमानों के लिए हैंगर और प्रशासनिक सुविधाओं के लिए 1,000 करोड़ के निवेश की मंजूरी दी है.
हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक, डीसा हवाई अड्डे के छोटे रनवे को 1,000 मीटर में बदलने का प्रस्ताव बहुत पहले ही दिया गया था, लेकिन यह फाइल धूल फांक रही थी. यह हवाई अड्डा सिर्फ हेलीकॉप्टर लैंडिंग और वीवीआईपी के आवागमन के इस्तेमाल में लाया जाता है.
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस एयरबेस के लिए 4,000 हजार एकड़ जमीन का अधिग्रहण लगभग दो दशक पहले ही कर लिया गया था. फिर भी यह योजना अब तक लंबित पड़ी रही. यह एयरबेस बाड़मेर और भुज एयरबेस के बीच के गैप को भरने के साथ-साथ सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा. रक्षा मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि लंबे समय से मंजूरी के लिए इंतजार कर रहे इस प्रस्ताव को रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने आगे बढ़ाया था.
अभी तक यह नहीं बताया गया है कि इस एयरबेस पर किस तरह के लड़ाकू विमानों की तैनाती होगी. यह बेस किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
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