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10% कोटा के बाद OBC आरक्षण को लेकर बड़े 'प्लान' की तैयारी में है मोदी सरकार

केंद्र सरकार की नौकरियों में ओबीसी कोटे की 10 जातियों का लगभग एक चौथाई प्रतिनिधित्व है.वहीं इसी कोटे की 1,000 जातियों को कोटा का कोई लाभ नहीं मिला है

Updated On: Jan 18, 2019 01:30 PM IST

FP Staff

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10% कोटा के बाद OBC आरक्षण को लेकर बड़े 'प्लान' की तैयारी में है मोदी सरकार

अगड़ी जाति को आर्थिक आधार पर आरक्षण देने के बाद केंद्र सरकार अब अन्य पिछड़ा वर्ग का वोट साधने की ओर अग्रसर दिख रही है. केंद्र सरकार ने सभी मंत्रालयों और विभागों से उनके यहां काम करने वाले वाले ओबीसी कर्मचारियों की संख्या उनकी जातियों के साथ उपलब्ध कराने को कहा है. माना जा रहा है कि सरकार चुनाव से पहले ओबीसी कमिशन की रिपोर्ट तैयार कर पेश करने की तैयारी में है.

डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनेल एंड ट्रेनिंग (डीओपीटी) की ओर से 12 जनवरी को सभी मंत्रालयों और विभागों से ये आंकड़े मांगे गए थे. आज यानी शुक्रवार को ओबीसी कर्मचारियों की लिस्ट सरकार को सौंपने का आखिरी दिन है.

न्यूज़ 18 के सूत्रों का मानना है कि अगड़े वर्ग को आरक्षण देने वाले कदम के बाद पिछड़े वर्ग की तरफ से हो रहे विरोध को शांत करने के लिए सरकार ने ये कदम उठाया है. सूत्रों के अनुसार सरकार अपने अंतिम सत्र में कमिशन की रिपोर्ट रख सकती है. 31 जनवरी से संसद का बजट सत्र प्रस्तावित है, जो 13 फरवरी तक चलेगा.

केंद्र सरकार की नौकरियों में ओबीसी कोटे की 10 जातियों का लगभग एक चौथाई प्रतिनिधित्व

हाई कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश जी रुक्मिणी की अध्यक्षता वाला एक आयोग पिछड़े वर्ग के आरक्षण कोटे को बांटने की संभावनाओं पर विचार कर रहा है. आयोग का मैनडेट यह देखेगा कि क्या कुछ सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े समुदाय के लोगों का प्रतिनिधित्व नहीं हो पा रहा है. साथ ही यह मैनडेट आरक्षण के समान वितरण को सुनिश्चित करने के तरीकों की सिफारिश भी करता है.

आयोग ने पहले सभी मंत्रालयों को ओबीसी कर्मचारियों की लिस्ट जारी करने का निर्देश दिया था. इस निर्देश के साथ ही मंत्रालयों को एक कंस्लटेंट पेपर भी बांटा गया था, जिसमें ये सुझाव दिए गए थे कि केंद्र सरकार की नौकरियों में ओबीसी कोटे की 10 जातियों का लगभग एक चौथाई प्रतिनिधित्व है.वहीं इसी कोटे की 1,000 जातियों को कोटा का कोई लाभ नहीं मिला है.

सरकार मंत्रालयों और अन्य विभागों से मांगे गए इन नए आंकड़ों की रिपोर्ट के आधार पर ओबीसी प्रतिनिधित्व में बदलाव करेगी और इनकी जातियों का नए सिरे से वर्गीकरण होगा. सरकार की मंशा है कि छोटी-छोटी ओबीसी जातियों को भी इस आरक्षण में समान प्रतिनिधित्व मिले.

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