नरेंद्र मोदी की अगुवाई में एक उच्च स्तरीय सेलेक्शन कमेटी ने गुरुवार को आलोक वर्मा को सीबीआई डायरेक्टर के पद से हटा दिया. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें बहाल किया था. CVC की रिपोर्ट भी वर्मा के खिलाफ थी. कमिटी ने भ्रष्टाचार मामलों में दोषी पाते हुए आलोक वर्मा को हटाने का फैसला किया है. आलोक वर्मा को अब फायर डिपार्टमेंट के DG का पद दिया गया है.
कामकाज संभालते ही आलोक वर्मा ने सबसे पहले अंतरिम सीबीआई डायरेक्टर नागेश्वर राव के लगभग सभी फैसलों को बदलना शुरू कर दिया था.
हालांकि कोर्ट ने कहा था कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक आलोक वर्मा कोई बड़ा फैसला नहीं ले सकते हैं. गौरतलब है कि आलोक वर्मा को सरकार ने छुट्टी पर भेज दिया था लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को आदेश जारी कर उन्हें पद पर बहाल कर दिया.
क्या है मामला?
सीबीआई प्रमुख, वर्मा का कार्यकाल 31 जनवरी को खत्म हो रहा है. सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा ने 77 दिन बाद अपना कार्यभार बुधवार को संभाला था. केंद्र सरकार ने 23 अक्टूबर 2018 को देर रात आदेश जारी कर वर्मा के अधिकार वापस लेकर उन्हें जबरन छुट्टी पर भेज दिया था.
इस कदम की व्यापक स्तर पर आलोचना हुई थी. इस आदेश को मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था, जिसके बाद बुधवार को वर्मा ने कार्यभार संभाला.
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