बिहार में हुए 780 करोड़ के सृजन घोटाले में सीबीआई ने फिर से शिकंजा कस दिया है. इस मामले में 8 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. पूर्व बैंक अधिकारी और सृजन महिला विकास समिति के अधिकारियों पर आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, विश्वासघात और जालसाजी का मामला दर्ज किया गया है.
Bihar: CBI registers case against 8 persons in connection with Srijan Scam, including former bank officials and Srijan Mahila Vikas Samiti officials under criminal conspiracy, breach of trust, cheating and forgery of valuable security,
— ANI (@ANI) June 13, 2018
गौरतलब है कि भागलपुर की स्वयंसेवी संस्था सृजन विकास सहयोग समिति के बैंक खाते में सरकारी योजनाओं के पैसों का आदान-प्रदान होता था जिसका प्रयोग संस्था के लोग निजी कार्यों में करते थे. रिपोर्ट के मुताबिक यह धोखाधड़ी 2009 से चल रही थी.
सृजन घोटाले में विपक्ष भी लगातार सरकार को घेरता रहा है, आरजेडी उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने सीबीआई जांच पर सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा था कि सृजन मामले में अब तक मुख्य आरोपियों को नहीं पकड़ा गया, नीतीश कुमार और सुशील मोदी जानकारी होते हुए भी बातों को छुपाना चाहते हैं.
वहीं सत्ता पक्ष ने कहा था कि आरजेडी को ज्यादा अधीर होने की जरूरत नहीं है, सीबीआई मामले की जांच कर रही है. बता दें कि यह बिहार का अब तक का सबसे बड़ा घोटाला है. इस मामले में अब तक 17 लोगों की गिरफ्तारी हुई है और 12 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है.
क्या है सृजन घोटाला
मामले की शुरुआत अगस्त 2017 में हुई जब भागलपुर के जिलाधिकारी आदेश तितरमारे के हस्ताक्षर वाला चेक बैंक ने वापस कर दिया और कहा कि सरकारी खाते में पर्याप्त पैसे नहीं हैं. जबकि जिलाधिकारी को मालूम था कि सरकारी खाते में पर्याप्त पैसा है. इस घटना के बाद उन्होंने जांच के लिए कमेटी बनाई.
कमेटी की जांच में सामने आया कि इंडियन बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा के सरकारी खातों में पैसा नहीं हैं. जब इस घटना की जानकारी राज्य सरकार को दी गई तो सृजन घोटले के बारे में लोगों को मालूम पड़ा.
दरअसल सरकारी विभागों की रकम सीधे उनके खातों में नहीं जाती थी, यह रकम 'सृजन महिला विकास सहयोग समिति' नाम के एनजीओ के खातों में ट्रांसफर कर दी जाती थी. इसलिए इस घोटाले का नाम सृजन घोटाला पड़ा.
इस पूरे मामले की मास्टरमाइंड मनोरमा नाम की महिला थी जिसका फरवरी 2017 में निधन हो गया. सृजन एनजीओ की कर्ता-धर्ता मनोरमा ही थीं. मनोरमा की मौत के बाद उनके बेटे और बहू भी इस घोटाले में शामिल हुए.
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भारतीय वायुसेना की ओर से भारत-पाकिस्तान सीमा के पास युद्धाभ्यास आयोजित किया गया.
उन्होंने कहा, 'इन लोगों ने जो गब्बर सिंह टैक्स लागू किया है, उसे बदलकर हम सच्चा जीएसटी बना देंगे.'
अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि अगर कांग्रेस अध्यक्ष ने सिद्धू को बर्खास्त नहीं किया तो यह माना जाएगा कि उन्होंने 'राहुल गांधी के निर्देश पर' बयान दिया.
कुछ असमाजिक तत्व भारत के वीर की आड़ में लोगों से धोखाधड़ी कर रहे हैं. इससे बचने के लिए वेबसाइट के जरिए ही पेमेंट करें