राजेश तलवार और नुपुर तलवार की रिहाई का सीबीआई ने विरोध किया है. वह इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. सीबीआई ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की ओर से तलवार दंपति को क्लीन चिट दिए जाने का विरोध किया है. हाईकोर्ट ने आरुषि के माता-पिता नुपुर और राजेश तलवार को क्लीन चिट देते हुए बरी कर दिया था.
CBI moves Supreme Court challenging Talwars' acquittal in Aarushi Talwar murder case. pic.twitter.com/E2vpq8X9vV
— ANI (@ANI) March 8, 2018
इससे पहले आरुषि हेमराज मर्डर केस में एक नया मोड़ आ गया है. राजेश तलवार और नुपूर तलवार को बरी किए जाने के 90 दिन बाद भी सीबीआई इस फैसले के खिलाफ अपील नहीं कर पाई थी. आरुषि के माता-पिता को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया था.
2008 में नोएडा में आरुषि की लाश मिली थी
16 मई 2008 की सुबह जब नोएडा के जलवायु विहार के L-32 फ्लैट में आरुषि का लाश मिली थी, उस वक्त हत्या का शक तलवार दंपति के गायब नौकर हेमराज पर था. लेकिन अगले ही दिन इसी फ्लैट की छत पर हेमराज की भी लाश मिली. इसके बाद ये डबल मर्डर की मिस्ट्री उलझती ही गई.
मौत के वक्त 14 साल की रही आरुषि की हत्या अगर आज भी हमारे देश की सबसे बड़ी मर्डर मिस्ट्री बनी हुई है तो इसकी जिम्मेदारी जांच एजेंसियों और खासतौर से सीबीआई के ऊपर ही है.
सीबीआई को दोनों टीमों की अलग-अलग जांच की लाइन और उसके अधिकारियों की आपसी खींचतान के चलते यह केस इतना उलझ गया कि एक ही जांच एजेंसी ने इस मामले की तफ्तीश में दो अगल-अलग थ्योरी पेश कर दी.
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