सीबीआई निदेशक (प्रभारी) एम नागेश्वर राव ने आयकर अधिकारी और बिचौलिए के खिलाफ भ्रष्टाचार के कथित मामले की फाइल दोबारा खोलने की एजेंसी के निदेशक आलोक वर्मा के मौखिक अनुरोध को ठुकरा दिया है. राव ने कहा कि यह एक नीतिगत फैसला है और सुप्रीम कोर्ट के आदेश को ध्यान में रखकर वह ऐसा फैसला नहीं कर सकते हैं.
सीबीआई के एक प्रवक्ता ने कहा कि फाइल जब अंतरिम निदेशक के पास गई तो उन्होंने फाइल दोबारा खोलने से मना करते हुए कहा कि इसके लिए मंजूरी देना नीतिगत फैसला होगा जो शीर्ष अदालत के निर्देशों के खिलाफ है.
सीबीआई ने भ्रष्टाचार में संलिप्तता को लेकर 2016 में आयकर विभाग के नौ वरिष्ठ अधिकारियों और सीए संजय भंडारी सहित तीन अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था.
जनवरी 2015 में सीबीआई द्वारा दर्ज किए गए एक अन्य मामले से इस केस को दर्ज किया गया था. इस केस में आईटी अधिकारी के साथ भंडारी का भी नाम था. उन्हें कथित तौर पर एक कंपनी से घूस लेते हुए गिरफ्तार किया गया था. आगे चलकर सक्षम अथॉरिटी से निर्देश मिलने के बाद 13 मार्च 2018 को यह केस बंद कर दिया गया था. सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा और एडिशनल डायरेक्टर (इनचार्ज) प्रवीण सिन्हा ने अपने फाइल में इसका जिक्र किया था.
सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के बीच बढ़े विवाद के बाद सरकार ने दोनों को छुट्टी पर भेज दिया था और अधिकार वापस ले लिए गए थे. इसी के बाद नागेश्वर राव को एजेंसी का अंतरिम डायरेक्टर बनाया गया. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने राव को कोई भी नीतिगत फैसला लेने से मना कर दिया था.
(इनपुट भाषा से)
हंदवाड़ा में भी आतंकियों के साथ एक एनकाउंटर चल रहा है. बताया जा रहा है कि यहां के यारू इलाके में जवानों ने दो आतंकियों को घेर रखा है
कांग्रेस में शामिल हो कर अपने राजनीतिक सफर की शुरूआत करने जा रहीं फिल्म अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर का कहना है कि वह ग्लैमर के कारण नहीं बल्कि विचारधारा के कारण कांग्रेस में आई हैं
पीएम के संबोधन पर राहुल गांधी ने उनपर कुछ इसतरह तंज कसा.
मलाइका अरोड़ा दूसरी बार शादी करने जा रही हैं
संयुक्त निदेशक स्तर के एक अधिकारी को जरूरी दस्तावेजों के साथ बुधवार लंदन रवाना होने का काम सौंपा गया है.