Update 15: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस फैसले पर अपने बयान में कहा है कि सरकार ने सीबीआई चीफ को इसलिए निकाला था क्योंकि वो राफेल डील की जांच कराने वाले थे. उन्होंने कहा कि राफेल में पीएम मोदी को कोई नहीं बचा सकता है.
Rahul Gandhi, Congress President: CBI chief was removed at 1 AM in the night because he was about to begin an investigation in the Rafale scam. Now that he has been reinstated, some justice has been done. Now let's see what happens. pic.twitter.com/UncVjXK15s
— ANI (@ANI) January 8, 2019
Update 14: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कहा है कि कोर्ट ने न्यायसंगत जांच के हित में सीबीआई डायरेक्टर के पद को मजबूत करने वाला फैसला दिया है. अब एससी के निर्देश के मुताबिक, आदेश लागू किए जाएंगे और उसी दिशा में सरकार काम करेगी.
जेटली ने कहा कि दोनों निदेशकों को छुट्टी पर भेजे जाने का फैसला प्रमाणिक था. दोनों ओर से आरोप-प्रत्यारोप चल रहे थे. इसलिए केंद्र ने संस्था की अखंडता को बनाए रखने के लिए ये फैसला लिया.
FM Jaitley: SC apparently has strengthened the immunity given to CBI director in larger interest of fair&impartial investigation. Therefore in accordance with direction of SC, orders will be complied with and the govt will act in the same manner pic.twitter.com/GyBDUPVyR1
— ANI (@ANI) January 8, 2019
Update 13: कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि ये सरकार को एससी का सबक है. आज वो इन एजेंसियों का बेजा फायदा उठा रहे हैं, कल कोई और उठाएगा, तब लोकतंत्र का क्या होगा?
Mallikarjun Kharge, Congress on SC's verdict on Alok Verma plea: We're not against one individual, welcome SC's judgement, it's a lesson for govt. Today you'll use these agencies to pressurise people, tomorrow somebody else will, What will happen to democracy then? pic.twitter.com/sAHEvuYNf8
— ANI (@ANI) January 8, 2019
Update 12: सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि नागेश्ववर राव सीबीआई के अंतरिम निदेशक बने रहेंगे. उधर प्रशांत भूषण ने कहा है कि आलोक वर्मा की अधूरी जीत हुई है.
Update 11: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा है कि एससी का फैसला प्रधानमंत्री मोदी पर कलंक है. वो देश की सभी संस्थाओं को तबाह कर रहे हैं. उन्होंने ये भी कहा कि क्या राफेल पर जांच को टालने के लिए, जिसमें मोदी सीधे तौर पर फंसते, सीबीआई डायरेक्टर को आधी रात में नहीं हटाया गया था?
SC reinstating CBI director Alok Verma is a direct indictment of the PM. Modi govt has ruined all institutions and democracy in our country. Wasn't CBI director illegally removed at midnight to stall the probe in Rafale scam which directly leads to PM himself?
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) January 8, 2019
Update 10: हालांकि, एक दूसरे तरीके से देखें तो सुप्रीम कोर्ट सीबीआई में पॉवरलेस डायरेक्टर भेज रहा है. यानी कि आलोक वर्मा सीबीआई के दूसरे नागेश्वर राव होंगे. नागेश्वर राव को सीबीआई का अंतरिम निदेशक बनाया गया था लेकिन उन्हें डायरेक्टर की कोई ताकत नहीं दी गई थी. अब आलोक वर्मा की हालत भी वैसी ही होगी, तब तक जब तक उच्चस्तरीय कमिटी अपना फैसला नहीं लेती.
Update 9: कांग्रेस ने इस फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने सबक सिखाया है.
Update 8: जानकारी है कि अब ये चयन समिति अगले हफ्ते एक बैठक बुलाएगी.
Update 7: सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि सरकार को फैसला करने से पहले चयन समिति, जिसमें प्रधानमंत्री, लीडर ऑफ अपोजिशन और चीफ जस्टिस होते हैं, से विचार-विमर्श करना चाहिए था.
Update 6: सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अब वर्मा का केस अब डीपीसीई एक्ट के तहत बनी एक उच्चस्तरीय कमेटी एक हफ्ते के अंदर इस केस विचार करके इस पर एक्शन लेगी.
Update 5: आलोक वर्मा 75 दिनों बाद सीबीआई में वापसी करेंगे लेकिन वो कोई जांच नहीं शुरु करवा पाएंगे.
Update 4: हालांकि वर्मा की सीबीआई में वापसी होगी लेकिन वो नीतिगत फैसला नहीं ले पाएंगे.
Supreme Court reinstates Alok Verma as CBI Director, however, he cannot take major policy decisions. pic.twitter.com/k5NMFdRbyU
— ANI (@ANI) January 8, 2019
Update 3: एससी ने आलोक वर्मा को बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने कहा कि केंद्र को उन्हें छुट्टी पर नहीं भेजना चाहिए था. एससी ने केंद्र के आदेश को रद्द कर दिया है.
Update 2: चीफ जस्टिस रंजन गोगोई आज छुट्टी पर हैं इसलिए ये फैसला जस्टिस संजय किशन कौल सुनाएंगे.
Update 1: सुप्रीम कोर्ट में आलोक वर्मा की याचिका पर फैसला पढ़ा जा रहा है. एससी आज इस पर अपना फैसला सुनाएगा कि वर्मा को छुट्टी पर भेजे जाने का केंद्र का फैसला सही था या नहीं.
सुप्रीम कोर्ट मंगलवार यानी आज सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टीगेशन के डायरेक्टर आलोक कुमार वर्मा को उनको छुट्टी भेजे जाने के केंद्र के फैसले के खिलाफ वर्मा की ओर से डाली गई याचिका पर फैसला सुनाएगा.
सीबीआई के डायरेक्टर आलोक कुमार वर्मा और ब्यूरो के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के बीच छिड़ी जंग सार्वजनिक होने के बाद सरकार ने दोनों अधिकारियों को उनके अधिकारों से वंचित कर अवकाश पर भेजने का फैसला किया था. दोनों अधिकारियों ने एक दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे.
वर्मा ने केन्द्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) के एक और डिपार्टमेंट ऑफ पर्सोनल एंड ट्रेनिंग (डीओपीटी) के दो सहित 23 अक्टूबर, 2018 के कुल तीन आदेशों को निरस्त करने की मांग की है. उनका आरोप है कि ये आदेश क्षेत्राधिकार के बिना और संविधान के अनुच्छेदों 14, 19 और 21 का उल्लंघन करके जारी किए गये.
केंद्र ने इसके साथ ही 1986 बैच के ओडिशा कैडर के आईपीएस अधिकारी और ब्यूरो के संयुक्त निदेशक एम नागेश्वर राव को जांच एजेंसी के निदेशक का अस्थायी कार्यभार सौंप दिया था.
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति केएम जोसेफ की बेंच ने पिछले साल छह दिसंबर को आलोक वर्मा की याचिका पर वर्मा, केंद्र, सीवीसी और अन्य की दलीलों पर सुनवाई पूरी करते हुए फैसला सुरक्षित रखा था.
बेंच ने गैर सरकारी संगठन ‘कॉमन कॉज’ की याचिका पर भी सुनवाई की थी. इस संगठन ने कोर्ट की निगरानी में विशेष जांच दल से राकेश अस्थाना सहित जांच ब्यूरो के तमाम अधिकारियों पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच कराने का अनुरोध किया था.
वर्मा का सीबीआई निदेशक के रूप में दो साल का कार्यकाल 31 जनवरी को पूरा हो रहा है. उन्होंने केंद्र के फैसले को चुनौती देने हुए शीर्ष अदालत का रुख किया था.
केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट के सामने वर्मा को उनकी जिम्मेदारियों से हटाकर अवकाश पर भेजने के अपने फैसले को सही ठहराया था और कहा था कि उनके और अस्थाना के बीच टकराव की स्थिति है जिस वजह से देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी ‘जनता की नजरों में हंसी’ का पात्र बन रही है.
अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने बेंच से कहा था केंद्र के पास ‘हस्तक्षेप करने’ और दोनों अधिकारियों से शक्तियां लेकर उन्हें छुट्टी पर भेजने का ‘अधिकार’ है.
(न्यूज एजेंसी से इनपुट के साथ)
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संयुक्त निदेशक स्तर के एक अधिकारी को जरूरी दस्तावेजों के साथ बुधवार लंदन रवाना होने का काम सौंपा गया है.