जस्टिस एनवी रमन ने एम नागेश्वर राव की सीबीआई के अंतरिम निदेशक के रूप में नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है. न्यूज 18 की खबर के अनुसार वह भारत के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस एके सीकरी के बाद मामले से बाहर निकलने वाले सुप्रीम कोर्ट के तीसरे न्यायाधीश हैं. हालांकि, CJI ने आलोक वर्मा के निष्कासन के बाद एम नागेश्वर राव की नियुक्ति के खिलाफ जनहित याचिका पर सुनवाई करने से मना कर दिया था क्योंकि वह उस चयन समिति का हिस्सा थे जो अगले CBI निदेशक की नियुक्ति करेगा.
वहीं जस्टिस सीकरी ने खुद को बिना किसी को बताए मामले से अलग कर लिया लेकिन इस संबंध में अपनी भविष्यवाणी व्यक्त की थी. जस्टिस सीकरी चयन समिति की पिछली बैठक में सीजेआई के लिए नॉमीनेट थे, जिसमें आलोक वर्मा को केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की एक प्रतिकूल रिपोर्ट पर सीबीआई निदेशक के रूप में हटा दिया गया था.
जस्टिस सीकरी ने अपना निर्णायक मत साबित किया था क्योंकि उन्होंने इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वोट दिया था, जबकि विपक्ष के नेता, कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस कदम का विरोध किया था. बता दें कि एनजीओ कॉमन कॉज द्वारा दायर याचिका में सीबीआई निदेशक की शॉर्ट-लिस्टिंग, चयन और नियुक्ति की प्रक्रिया में पारदर्शिता की भी मांग की गई है. चयन समिति, जिसमें पीएम शामिल हैं, CJI और खड़गे आने वाले शुक्रवार को CBI प्रमुख की नियुक्ति के लिए बैठक करने वाले हैं.
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