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CVC से मिले सीबीआई प्रमुख आलोक वर्मा, भ्रष्टाचार के आरोपों से किया इनकार

अधिकारियों ने बताया कि वर्मा दोपहर एक बजे केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) के कार्यालय पहुंचे और उन्होंने चौधरी और सतर्कता आयुक्त शरद कुमार से मुलाकात की

Updated On: Nov 08, 2018 06:02 PM IST

Bhasha

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CVC से मिले सीबीआई प्रमुख आलोक वर्मा, भ्रष्टाचार के आरोपों से किया इनकार

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक आलोक वर्मा ने केंद्रीय सतर्कता आयुक्त केवी चौधरी से मुलाकात की और माना जा रहा है कि उन्होंने जांच एजेंसी के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना द्वारा उन पर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों से इनकार किया है. अधिकारियों ने बताया कि वर्मा दोपहर एक बजे केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) के कार्यालय पहुंचे और उन्होंने चौधरी और सतर्कता आयुक्त शरद कुमार से मुलाकात की.

सुप्रीम कोर्ट ने 26 अक्टूबर को केंद्रीय सतर्कता आयोग से अस्थाना द्वारा वर्मा पर लगाए गए आरोपों की जांच दो सप्ताह के भीतर करने को कहा था. वर्मा और अस्थाना को केन्द्र सरकार ने छुट्टी पर भेजा हुआ है.

अधिकारियों ने कहा कि अस्थाना ने भी चौधरी और कुमार से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि आयोग ने हाल में महत्वपूर्ण मामलों की जांच कर रहे सीबीआई के कुछ अधिकारियों से पूछताछ की थी. इन अधिकारियों के नाम सीबीआई प्रमुख वर्मा के खिलाफ भ्रष्टचार की अस्थाना की शिकायत में सामने आए थे.

अधिकारियों ने कहा कि निरीक्षक से पुलिस अधीक्षक रैंक के सीबीआई अधिकारियों को बुलाया गया और एक वरिष्ठ सीवीसी अधिकारी के सामने उनका बयान दर्ज किया गया. जिन अधिकारियों के बयान दर्ज किए गए उनमें मोइन कुरैशी रिश्वत मामला, पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव से जुड़े आईआरसीटीसी घोटाला, मवेशी तस्करी मामला संभालने वाले अधिकारी भी शामिल हैं.

वर्मा के खिलाफ आरोपों की जांच कर रहा हैं सीवीसी

सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया था कि वर्मा के खिलाफ आरोपों की सीवीसी की जांच की निगरानी शीर्ष अदालत के रिटायर्ड जज जस्टिस एके पटनायक करेंगे. वर्मा ने उन्हें ड्यूटी से हटाने और छुट्टी पर भेजने के सरकार के फैसले को चुनौती दी थी.

वर्मा और अस्थाना के बीच गतिरोध अस्थाना और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने को लेकर हाल में बढ़ गया था. प्राथमिकी में पुलिस उपाधीक्षक देवेंद्र (डीएसपी) कुमार का भी नाम दर्ज था जिसमें कथित रिश्वत मामले में सीबीआई हिरासत में हैं.

सीबीआई ने हैदराबाद के कारोबारी सना सतीश बाबू से दो करोड़ रुपए की रिश्वत कथित रूप से लेने के लिए अस्थाना के खिलाफ 15 अक्टूबर को प्राथमिकी दर्ज की थी. कथित रिश्वत मांस कारोबारी मोइन कुरैशी के खिलाफ जांच प्रभावित करने के लिए दो बिचौलियों मनोज प्रसाद और सोमेश प्रसाद के जरिए दी गई थी.

अस्थाना ने 24 अगस्त को कैबिनेट सचिव को दी शिकायत में वर्मा के खिलाफ आरोप लगाए थे कि उन्हें पूछताछ में मदद के बदले सना से दो करोड़ रुपए की रिश्वत मिली थी.

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