अब एक नई स्टडी सामने आई है. इसमें बताया गया है कि डिब्बाबंद खाने से बच्चों की हेल्थ पर प्रभाव पड़ता है. साइंटिस्ट के मुताबिक, गर्भावस्था के दौरान डिब्बाबंद खाना खाने से शिशु के इंडस्ट्रीयल केमिस्ट्री बाईस्फेनोल ए (बीपीए) के संपर्क में आने का खतरा रहता है और आशंका रहती है कि बाद के जीवन में यह उनके प्रजनन संबंधी स्वास्थ्य को प्रभावित हो जाए.
पहले की स्टडी में यह बात सामने आई थी कि डिलीवरी से पहले बीपीए के संपर्क आने के कारण स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. लेकिन इस बात के बहुत कम साक्ष्य मिले थे कि इससे गर्भाशय की कार्यप्रणाली पर असर पड़ता है.
अमेरिका में बोस्टन यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने पाया कि ऐसे पर्याप्त आंकड़े हैं जो बीपीए के संपर्क में आने और गर्भाशय की कार्यप्रणाली पर असर से संबंधित चिंताओं को उजागर करते हैं.
भूजल और गाद में बीपीए का पता लगाया जा सकता है. बीपीए का कई औद्योगिक सामग्री और डिब्बाबंद खाना तैयार करने में इस्तेमाल किया जाता है.
बोस्टन यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर और लेखिका श्रुति महालिंगैया ने कहा, ‘डिलीवरी से पहले की वह अवधि जब गर्भ में पल रहे शिशु के विकास के लिए अहम समय होता है, उस दौरान हमें इनके संपर्क में आने से होने वाले असर के कई साक्ष्य मिले हैं.’ उन्होंने कहा कि मानव अंडाणु विकारों से संबंधित कारणों के बारे में और स्टडी की जरूरत है.’
(तस्वीर प्रतीकात्मक है)
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