राजनीतिक गलियारे में आजकल हलचल मची हुई है. अटकलें लगाई जा रही हैं कि कुछ दिनों में नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल में फेरबदल और विस्तार होगा. चूंकि रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने रेल हादसों की जिम्मेदारी उठाते हुए इस्तीफे की पेशकेश की थी, ऐसे में लंबे समय से मंत्रिमंडल में फेरबदल के कयास लगाए जा रहे थे.
रेल भवन में किसकी जगह?
खबरों की मानें तो रेल भवन में एक नए पदाधिकारी को नियुक्त किया जा सकता है और मोदी यह सीट एक वरिष्ठ मंत्री को दे सकते हैं, जिन्हें आर्थिक प्रशासन की पूरी समझ हो. सीएनएन न्यूज़18 की रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को यह जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है, क्योंकि वह कुशलतापूर्वक अपने कार्यों को करने के लिए कई बार प्रशंसा बटोर चुके हैं.
रक्षा और वित्त मंत्रालय किनके नाम?
वन इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और वित्त मंत्री अरुण जेटली को रक्षा मंत्रालय का पूरा प्रभार दिया जा सकता है. वहीं वित्त मंत्रालय का प्रभार ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल को दिया जा सकता है.
दूसरी ओर, एक अन्य वेबसाइट इंडिया संवाद के मुताबिक, साफ छवि और आरएसएस समर्थन के चलते विनय सहस्त्रबुद्धे को भी रक्षा मंत्री के लिए चुना जा सकता है, ऐसी स्थिति में जेटली वित्त मंत्री बने रहेंगे.
इससे पहले इसका कार्यभार मनोहर पर्रीकर के पास था, जो बाद में गोवा के मुख्यमंत्री पद के लिए चयनित हुए.
कैबिनेट में फेरबदल और विस्तार जरूरी क्यों?
रक्षा मंत्रालय को मार्च से जेटली संभाल रहे हैं. असम के चुनावों में जीतने के बाद सर्बानंद सोनोवाल को असम का मुख्यमंत्री बना दिया गया. सिर्फ यही नहीं, कैबिनेट में एक सीट और खाली हो गई जब एक और महत्वपूर्ण मंत्री वेंकैया नायडू को भारत का उपराष्ट्रपति की जिम्मेदारी मिली.
इसके अलावा, अन्य प्रमुख मंत्रालय भी जैसे पर्यावरण में भी नए नेता को नियुक्त करने की अटकले चल रही हैं. दरअसल, अनिल माधव दवे के अचानक निधन के बाद से पर्यावरण मंत्रालय का भार विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री हर्षवर्धन उठा रहे हैं.
नायडू द्वारा रिक्त पद का भी विस्तार नहीं हुआ है. सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की बागडोर स्मृति ईरानी को सौंपी गई थी, तो उनका पहला कदम विवादित सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष पहलाज निहलानी को बर्खास्त करवाना था. यानी कपड़ा मंत्री स्मृति के पास दो मंत्रालय का प्रभार है. वेंकैया नायडू के उपराष्ट्रपति बनने के बाद, ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र तोमर ने शहरी विकास मंत्रालय का पद संभाला.
किन्हें मिल सकती है कैबिनेट में जगह?
रिपोर्ट के मुताबिक, होने वाले फेरबदल के जरिए भारतीय जनता पार्टी कैबिनेट में नए और कुशल नेताओं को जगह देना चाहती है. हाल ही में नीतीश कुमार की जेडीयू ने फिर से बीजेपी के साथ नाता जोड़ते हुए बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए में शामिल होने की घोषणा की है. यानी बीजेपी के मित्रों की सूची में एक और नाम जुड़ गया है. ऐसे में इन दोनों पार्टियों के कई मंत्रियों को कैबिनेट में जगह मिलने के आसार हैं.
मोदी और बीजेपी के प्रमुख अमित शाह इस ओर भी ध्यान दे रहे हैं कि हर राज्य से कैबिनेट के लिए कौन और कितने नेता चुने जाने चाहिए. खबरों की मानें तो उत्तर प्रदेश से दो केंद्रीय मंत्रियों को हटा दिया जाएगा और नए सहयोगियों को जगह दी जाएगी.
जब से मोदी प्रधानमंत्री बने हैं, उन्होंने शिक्षा मंत्रालय के अलावा, अन्य पोर्टफोलियो के साथ ज्यादा छेड़खानी नहीं की है. कई विवादों में उलझने के बाद उन्होंने ईरानी को शिक्षा मंत्री की पोस्ट से हटा दिया था. प्रधानमंत्री ने अभी तक केवल दो कैबिनेट फेरबदल और विस्तार किए हैं. एक नवंबर 2014 में तो दूसरा जुलाई 2016 में.
चूंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय दौरे के लिए चीन और म्यांमार जा रहे हैं, ऐसे में कैबिनेट में यह फेरबदल पहले ही होने की आशंकाएं हैं. पहले यह उलटफेर 18 अगस्त को होना था, लेकिन जेडीयू के साथ गंठबंधन के चलते तारीख को टाल दिया गया.
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