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'बुलंदशहर हिंसा में मारे गए इंस्पेक्टर सुबोध, अखलाक लिंचिंग केस में सबसे अहम गवाह थे'

पीड़ित परिवार की ओर से केस की पैरवी कर रहे यूसुफ सैफी ने कहा, इंस्पेक्टर सुबोध कुमार ने 28 सितंबर 2015 से 9 नवंबर 2015 तक मामले की जांच की थी. हालांकि, जांच के दौरान ही उनका वाराणसी तबादला कर दिया गया था

Updated On: Dec 06, 2018 09:31 AM IST

FP Staff

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'बुलंदशहर हिंसा में मारे गए इंस्पेक्टर सुबोध, अखलाक लिंचिंग केस में सबसे अहम गवाह थे'

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के स्याना गांव में सोमवार को कथित गोकशी के बाद भड़की भीड़ की हिंसा में मारे गए पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के मामले में एक नया मोड़ आ गया है. दादरी मॉब लिंचिंग में मारे गए मोहम्मद अखलाक के वकील ने कहा है कि इंस्पेक्टर की मौत इस मामले को प्रभावित करेगी क्योंकि वो इस मामले में सबसे अहम गवाह में से एक थे.

ट्रायल कोर्ट में मोहम्मद अखलाक का केस लड़ रहे यूसुफ सैफी ने न्यूज-18 को बताया कि वे (इंस्पेक्टर सुबोध) इस मामले में एक अहम गवाह थे. उनकी हत्या हमारे लिए निश्चित तौर पर एक झटके की तरह है. सुबोध कुमार सिंह इस मामले में 7वें नंबर के गवाह थे.

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पीड़ित परिवार की ओर से केस की पैरवी कर रहे यूसुफ सैफी ने कहा, 'इंस्पेक्टर सुबोध कुमार ने 28 सितंबर 2015 से 9 नवंबर 2015 तक मामले की जांच की थी. हालांकि, जांच के दौरान ही उनका वाराणसी तबादला कर दिया गया था. उनके तबादले के बाद अखलाक मर्डर केस में दूसरे जांच अधिकारी ने मार्च 2016 में चार्जशीट दाखिल की थी.'

अखलाक के भाई जन मोहम्मद सुबोध कुमार सिंह को याद कर भावुक हो जाते हुए एक बात बताते हैं. वे कहते हैं कि एक बात तो है कि वे बहादुर थे. ये उनकी बहादुरी ही थी कि बिना बैकअप के वे भीड़ में अखलाक और दानिश की बॉडी को लेने के लिए पहुंच गए. उन्होंने बिना समय बर्बाद किए दानिश को अस्पताल पहुंचाया.

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सुबोध कुमार सिंह की बहन ने अपने भाई की हत्या को साजिश करार दिया था. उन्होंने कहा था कि मेरे भाई की हत्या अखलाख मॉब लिंचिंग केस के आरोपी को बचाने के लिए की गई है. उन्होंने आरोप लगाया था कि बुलंदशहर दंगा उनको रास्ते से हटाने के लिए ही प्लान किया गया था.

इस मामले में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार को अपने सरकारी आवास पर पीड़ित परिवार से मुलाकात करने वाले हैं. सीएम योगी पहले ही इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के परिजनों को 50 लाख रुपए की आर्थिक मदद, असाधारण पेंशन और परिवार के एक सदस्य के सरकारी नौकरी देने की घोषणा कर चुके हैं.

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