मोदी सरकार ने इस कार्यकाल के अपने आखिरी बजट में खासकर किसान और मिडिल क्लास को बड़ी राहत दिया है. जानकारों का मानना है कि मोदी सरकार ने आगामी लोकसभा चुनाव से ठीक पहले एक बड़ा दांव खेला है. मोदी सरकार ने अपने आखिर बजट में जिन राहतों का जिक्र किया है, उसका विरोध करना विपक्ष के लिए इतना आसान नहीं होगा. पीएम मोदी ने अपने आखिरी बजट में मास्टरस्ट्रोक चलते हुए करीब 50 करोड़ की आबादी को साधने की कोशिश की है, जिसका लाभ उन्हें सीधे लोकसभा चुनाव में मिल सकता है.
शुक्रवार को अंतरिम बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने किसानों, मजदूरों और मिडिल क्लास के लिए बड़ी राहत का ऐलान किया. केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के जरिए उन किसानों को बड़ा तोहफा दिया है, जिनके पास 2 हेक्टेयर या फिर उससे कम जमीन हो. वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने छोटे किसानों के सपोर्ट के लिए सालाना 6 हजार रुपए देने का ऐलान किया है. 4.8 एकड़ वाले किसानों या फिर उससे कम भूमिवाले लगभग 12 करोड़ किसानों को इस योजना का लाभ मिल सकता है.
चुनावी बजट होने का इससे बड़ा सबूत क्या हो सकता है?
कुछ दिन बाद ही लोकसभा चुनाव का सुगबुगाहट शुरू हो जाएगी. ऐसे में माना जा रहा था कि अंतरिम बजट लोकलुभावन होगा और कमोबेश हुआ भी ऐसा ही. जानकारों का मानना है कि किसानों को सालाना 6 हजार रुपए देने से फिस्कल डेफिसिट बढ़ेगा. अगर मोदी सरकार दोबारा से सत्ता में लौटती है तो इस फंड का इंतजाम कैसे होगा यह एक बड़ी समस्या होगी.
दिलचस्प बात यह है कि बजट की सारी योजनाएं नए वित्त वर्ष में लागू होंगी लेकिन किसानों के लिए जो प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना शुरू की गई है वह 1 दिसंबर 2018 से लागू होगी. इसके तहत तीन किस्तों में किसानों को 6 हजार रुपए दिए जाएंगे. यह स्कीम 1 दिसंबर 2018 से लागू है यानी मार्च 2019 से पहले 2 हजार रुपए की पहली किस्त किसानों को मिल जाएगी. ऐसे में जानकारों का मानना है कि चुनावी बजट होने का इससे बड़ा सबूत क्या हो सकता है.
बता दें कि हाल के कुछ सालों में मोदी सरकार किसानों को लेकर काफी संजीदगी दिखा रही थी. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को इस सरकार ने किसानों के जीवन को परिवर्तन करने वाला बताया था, लेकिन किसानों की हालत में कुछ सुधार नजर नहीं आया. गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ के चुनावों से साफ हो गया था कि किसानों में गहरा असंतोष है.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बजट में घोषित ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि’ योजना को लेकर पीएम मोदी पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि प्रतिदिन 17 रुपए दिए जाने का प्रावधान करना किसानों का अपमान है. गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘प्रिय नरेंद्र मोदी जी, आपकी पांच वर्षों की अक्षमता और अहंकार ने हमारे किसानों के जीवन को बर्बाद कर दिया. उनको प्रतिदिन 17 रुपए देना हर उस चीज का अपमान है जिसके लिए किसान खड़े हैं और काम कर रहे हैं.’
वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को 2019-20 का अंतरिम बजट पेश करते हुए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (प्रधानमंत्री किसान योजना) की घोषणा की. केंद्र सरकार की इस योजना के तहत किसानों को हर साल 6 हजार रुपए की सहायता डायरेक्टर बेनेफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के जरिए किसानों के बैंक खाते में प्रदान की जाएगी. यह राशि उन्हें 2-2 हजार रुपए की तीन किस्तों में दी जाएगी. इस योजना का लाभ दो हेक्टेयर से कम जोत वाले किसानों को मिलेगा. सरकार ने इस योजना का आधार दिसंबर, 2018 रखा है. इसके तहत किसानों को 2 हजार रुपए की पहली किस्त 2018-19 वित्त वर्ष के खत्म होने के पहले (यानी मार्च) मिल जाएगी.
बता दें कि वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने बजट पेश कर दिया है. इस बजट को आम आदमी के लिए एक वरदान बताया जा रहा है. बजट में सबसे खास यह है कि मिडिल क्लास औऱ किसानों को राहत दी गई है. अब 5 लाख तक की आय पर रिबेट का फैसला किया है. इस घोषणा से 3 करोड़ लोगों को इसका लाभ मिलेगा.
40 हजार तक ब्याज से हुई आय पर कोई टीडीएस नहीं देना होगा. इससे पहले 2.5 लाख तक की आय पर टैक्स नहीं देना होता था जिसे बढ़ाकर अब 5 लाख कर दिया गया है. किसानों और श्रमिक वर्ग को राहत देने के साथ ही केंद्र सरकार ने 2019 के बजट में सरकारी कर्मचारियों को भी खुश करने की कोशिश की है. इसके लिए बजट में ग्रेच्युटी और पेंशन स्कीम को लेकर बड़ा ऐलान किया गया है.
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हालांकि बजट के पेश होने से पहले ही सियासी बयानबाजी का दौर शुरू हो गया था. कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने कहा था कि बीते पांच सालों में सरकार ने किसानों के लिए काफी काम किया है. वहीं यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा था कि इस बजट में सच को छोड़कर सब कुछ होगा. उन्होंने कहा कि जब हर क्षेत्र में देश गया घट, तो क्या करोगे लाकर बजट.
बजट पेश होने के बाद सियासी बयानबाजी का दौर तेजी से शुरू हो गया. कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि सरकार के सूत्र सुबह से मीडिया को बजट के पॉइंटर्स भेज रहे हैं. अगर ये पॉइंटर्स वित्त मंत्री के भाषण में भी होते हैं तो यह एक लीक के समान होगा. यह गोपनीयता के उल्लंघन का गंभीर मुद्दा है.
पांच साल में 10 करोड़ नौकरियां देने के वादे पर कुछ नहीं कहा
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने बजट को बीजेपी का चुनावी घोषणापत्र करार देते हुए आरोप लगाया कि यह चुनाव से पहले मतदाताओं को रिश्वत देने की कोशिश की गई है. पांच साल में इन्होंने (बीजेपी) क्या किया, कितने वादे पूरे किए, इस बारे में कुछ नहीं बताया. हर व्यक्ति को 15 लाख रुपए देने के बारे में कुछ नहीं कहा. पांच साल में 10 करोड़ नौकरियां देने के वादे पर कुछ नहीं कहा.
आम आदमी पार्टी का कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा शुक्रवार को जो बजट पेश किया गया, वो दरअसल बजट नहीं बल्कि आगामी लोकसभा चुनाव से संबंधित चुनावी भाषण है. दक्षिणी दिल्ली लोकसभा प्रभारी राघव चड्ढा ने कहा कि इस देश में बजट एक चुनावी भाषण और मजाक बनकर रह गया है. राघव चड्डा के मुताबिक ये मजाक क्यों है इसके पीछे तीन कारण हैं. पहला, भारतीय किसान पद्धति में बहुत सारे लोग दूसरे की जमीन किराए पर लेकर खेती करते हैं, इस बजट के अनुसार उस व्यक्ति को एक फूटी कोड़ी नहीं मिल रही है, बल्कि जिसकी जमीन है उसे 6 हजार रूपए सरकार दे रही है. दूसरा, दो हेक्टेयर जमीन वाले किसानों को 6 हजार रुपए सालाना देने का प्रावधान किया गया है, अगर उस किसान के घर में पांच लोग है, तो प्रति व्यक्ति 3 रूपए प्रतिदिन बनता है. क्या बीजेपी सरकार ये कहना चाहती है कि किसान के घर में रहने वाले लोग 3 रूपए प्रतिदिन में अपना गुजारा चलाएं? तीसरा, एक केलकुलेशन के हिसाब से सभी किसानों को 6 हजार रूपए देने में लगभग 1 लाख करोड़ रुपए सालाना आएगा. सवाल ये उठता है कि यह पैसा कहां से आएगा?
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वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बजट पर कहा कि इसमें सभी वर्ग के लोगों का ध्यान रखा गया है. गरीब और महिलाओं पर भी फोकस किया गया है. इस बजट से हम न्यू इंडिया के सपने को पूरा करने में सफल होंगे.
कुलमिलाकर मोदी सरकार ने अपने आखिरी बजट में यूपी, बिहार, राजस्थान, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्यों के किसानों को साधने का काम किया है. ऐसे में जानकारों का मानना है कि मोदी सरकार के इस दांव से इन राज्यों के किसानों में सरकार के प्रति असंतोष घटेगा, जिसका सीधा फायदा लोकसभा चुनाव में मिल सकता है.
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